पुलवामा में आतंकी हमले के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'एक बात तो साबित हो गई है कि सरकार की नीति, खासकर सर्जिकल स्ट्राइक के जो नाटकीय प्रदर्शन रहे हैं उसका कोई असर नहीं हो पाया। हमें दूसरे तरीके से सोचना पड़ेगा और मुझे नहीं लगता कि सरकार के बस में है कि सेनाओं को सुक्षित रख सकें।' उनके इस बयान पर विवाद बढ़ना शुरू हो गया है। संदीप दीक्षित इससे पहले भी सेना से जुड़े विवादास्पद बयान दे चुके हैं, जिससे उनकी खुद की पार्टी ने किनारा कर लिया था।
सर्जिकल स्ट्राइक को बताया नाटकीय
29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने एलओसी पारकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था। उड़ी में सैन्य अड्डे पर आतंकी हमले के बाद भारतीय जांबाजों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के लांचिंग पैड को तबाह कर दिया था। इसमें गुलाम कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को काफी नुकसान पहुंचाया गया था। हालांकि पाकिस्तान ने ऐसे किसी स्ट्राइक से इनकार किया था लेकिन भारतीय सेना मजबूती से अपनी बात रख रही है। संदीप दीक्षित ने इसे नाटकीय प्रदर्शन बताया है। उनका कहना है कि सेना की सुरक्षा सरकार के बस के बाहर की लग रही है।
विवादास्पद बयानों का सिलसिला जारी
संदीप दीक्षित इससे पहले भी विवाद भरे बयान देते रहे हैं। जून 2017 में उन्होंने सेनाध्यक्ष की तुलना 'गली के गुंडो' से कर डाली थी। दीक्षित के इस बयान से कांग्रेस ने भी किनारा कर लिया था। पिछले दिनों कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था जिसके बाद उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया।