CAA और NRC पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोले, रामू और श्यामू हैं गुमराह के मास्टर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 25, 2019 08:13 PM2019-12-25T20:13:34+5:302019-12-25T20:13:34+5:30
बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मोदी जी ने बात की जैसे कि उन्होंने NRC के बारे में कभी सुना ही नहीं, लेकिन उनके गृह मंत्री ने संसद में कहा कि NRC पूरे देश में लागू किया जाएगा। ये रामू और श्यामू क्या कहते हैं, क्या नहीं कहते हैं, इसपर हमको ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि ये गुमराह के मास्टर हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक और NRC पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर हमला बोला। चौधरी ने कहा कि यह दोनों देश को गुमराह कर रहे हैं।
बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मोदी जी ने बात की जैसे कि उन्होंने NRC के बारे में कभी सुना ही नहीं, लेकिन उनके गृह मंत्री ने संसद में कहा कि NRC पूरे देश में लागू किया जाएगा। ये रामू और श्यामू क्या कहते हैं, क्या नहीं कहते हैं, इसपर हमको ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि ये गुमराह के मास्टर हैं।
Adhir R Chowdhury, Congress: Modi ji talks as if he has never heard of NRC but his Home Minister said in Parliament that NRC will be implemented in entire country...Ye Ramu aur Shyamu kya kehte hain, kya nahi kehte hain ispe humko dhyan dena padega kyunki ye gumrah ke master hain pic.twitter.com/4UwjQPqGoT
— ANI (@ANI) December 25, 2019
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी धार्मिक आधार होने की वजह से नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इस विधेयक के माध्यम से ‘‘हिंदू राज्य बनने की दिशा में बढ़ रही है?’’
चौधरी ने कहा कि हमारे विरोध करने से सदन के बाहर माहौल बनाया जाएगा कि कांग्रेस हिंदू विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि हम विधेयक में पीड़ितों को नागरिकता देने का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि धार्मिक आधार पर नागरिकता दिये जाने का विरोध कर रहे हैं।
चौधरी ने कहा कि क्या इन समुदायों की सहायता के लिए देश के इतने सारे कानूनों में कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने सवाल कि ‘‘क्या हम भारत को हिंदू राज्य बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं?’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की बात होती है तो हम केवल तीन देशों और छह समुदायों की बात नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि सरकार केवल तीन देशों के लिए विधेयक लाई है क्योंकि ये मुस्लिम बहुल देश हैं। सरकार ने इसमें म्यामां, नेपाल और श्रीलंका जैसे भारत की सीमा से लगे देशों को क्यों शामिल नहीं किया।