बहुजन समाज पार्टी के अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय ने शुक्रवार को लोकसभा सदस्य के रूप में सदस्यता ली। इसके लिए राय को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पैरोल प्रदान किया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण के बाद बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अतुल राय ने शपथ ग्रहण किया। राय 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के घोसी से बसपा के टिकट पर जीते थे।
वह बलात्कार के एक मामले में जेल में थे और पहले शपथ नहीं ले पाये थे। इससे पहले बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था, जिसमें राय को पैरोल प्रदान किया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने मऊ की घोसीसंसदीय सीट से सांसद अतुल राय को सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण करने के लिए दो दिन की पेरोल देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में शुक्रवार को हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। उल्लेखनीय है कि अतुल राय के खिलाफ एक मई, 2019 को वाराणसी के लंका पुलिस थाने में बलात्कार के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
राय ने घोसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और 19 मई, 2019 को उन्हें विजेता घोषित किया गया। जमानत नहीं मिलने की वजह से वह सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण नहीं कर पाए। न्यायमूर्ति डी. वाय. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने उच्च न्यायालय के 23 जनवरी को सुनाए फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने राय को बजट सत्र के दौरान नई दिल्ली में सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण करने के लिए दो दिन की पेरोल दी थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि राय पुलिस हिरासत में 29 जनवरी को नई दिल्ली जाएंगे और शपथ ग्रहण के बाद पुलिस उन्हें 31 जनवरी, 2020 को वापस हिरासत में ले लेगी।