जदयू के 17 विधायकों के राजद में जाने पर सीएम नीतीश बोले-सब ठीक, कोई दम नहीं, भ्रम में पड़ने की जरूरत नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: December 30, 2020 07:45 PM2020-12-30T19:45:00+5:302020-12-30T19:47:12+5:30
अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जेडीयू के 7 में से 6 विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था. बिहार में राजग घटकों के संबंधों में आयी खटास का राजद लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है.
पटनाः राजद नेता व पूर्व मंत्री श्याम रजक के बयान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए उनके दावों को सिरे से खारिज कर दिया है.
आज राजधानी पटना में जलाशय का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने इसका खंडन करते हुए एक सिरे से खारिज कर दिया. इससे पहले जदयू के नेताओं ने भी श्याम रजक के बयान को नकार दिया था और उनके बयान को भ्रामक व गुमराह करने वाला बताया था.
उन्होंने कहा कि जदयू में सब ठीक है. श्याम रजक ने जदयू के 17 विधायक टूटने और राजद के संपर्क में होने का दावा किया है. इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि सब बेबुनियाद है. पटना में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग बातें कर रहे उनकी बातों में कोई दम नहीं है. राजद के दावे में कोई दम नहीं है और जदयू में सब ठीक है. कहीं कोई बात नहीं है. सारे आरोप बेबुनियाद है, उन्होंने कहा कि कोई भी अगर किसी प्रकार का दावा कर रहा है.
नीतीश कुमार आज राजधानी जलाशय का निरीक्षण करने पहुंचे थे
सब बेबुनियाद है. उसमें कोई दम नहीं है. ऐसी कोई बात नहीं है. इस तरह के बयानों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राजधानी जलाशय का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि 4 जनवरी के बाद इसे स्कूली बच्चों के लिए खोल दिया जाएगा. 20-20 कि संख्या में स्कूली बच्चे यहां आएंगे और यहां के मनोरम दृश्य को देखेंगे.
लगभग एक साल बाद राजधानी जलाशय पहुंचे नीतीश प्रवासी पक्षियों को देखकर काफी खुश नजर आ रहे थे. नीतीश कुमार की यह खुशी जहां एनडीए के घटक दलों के राहत की तरह नजर आई. वहीं राजद और महागठबंधन के लिए यह जदयू के तीर की तरह थी, जिसके निशाने से तेजस्वी और उनके तमाम नेता घायल हो गए हैं.
जदयू के कई विधायक 14 जनवरी के बाद पाला बदलने के लिए तैयार हैं
यहां बता दें कि राजद की तरफ से लगातार कहा जा रहा था कि जदयू के कई विधायक 14 जनवरी के बाद पाला बदलने के लिए तैयार हैं, साथ ही नीतीश कुमार को भी राजद के साथ आने और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया जा रहा था. लेकिन नीतीश कुमार ने अपने जवाब से इन सभी कयासों को खत्म कर दिया है.
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में जदयू के विधायकों के पाला बदल में बिहार की सियासत गर्मा रखी है. नीतीश कुमार के विधायक भाजपा के साथ क्या गए बिहार में एनडीए के अंदर खींचतान शुरू हो गई. जदयू में खुले तौर पर भाजपा नेतृत्व से अपनी नाराजगी जताई तो अब नीतीश कुमार के लिए बैटिंग करने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी मैदान में उतर आए हैं. कोरोना संक्रमित मांझी ने अरुणाचल के मुद्दे पर भाजपा को चेतावनी दे डाली है.
जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "अरुणाचल प्रदेश में जो हुआ वह स्वच्छ राजनीति का तकाजा नहीं है. भाजपा के नेतृत्व से अनुरोध है कि ऐसी गलती दोबारा ना हो पाए इसका ख्याल रखें. नीतीश कुमार को कमजोर समझने वालों को शायद नहीं पता है कि हम पार्टी मजबूती से उनके साथ है." मांझी का यह अंदाज बता रहा है कि वह भाजपा को या बता देना चाहते हैं कि वह नीतीश कुमार के बूते महागठबंधन छोड़कर एनडीए में आए थे और नीतीश कुमार के लिए खडे़ भी रहेंगे.