जयपुर: राजस्थान में तकरीबन डेढ महीने से चल रहे सियासी संकट अब खत्म होने वाला है। 15वीं राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र शुक्रवार 14 अगस्त सुबह 11 बजे से शरू होगा। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने इसको लेकर जुलाई महीने के आखिरी में आदेश दिए थे। राजस्थान विधानसभा सत्र से पहले राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है। सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर उम्मीद जताई है कि उन्हें पक्ष और विपक्ष दोनों का सहयोग मिलेगा। 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के लिए अशोक गहलोत के खेमे वाले कांग्रेस के विधायक जयपुर लौट आए हैं और अब भी एक होटल में ही रहेंगे
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा, 14 अगस्त को विधानसभा शुरू हो रही है, मुझे उम्मीद है इस दौरान प्रदेश में कोरोना की स्थिति, लॉकडाउन के बाद में आर्थिक रूप से जो स्थिति बनी है उसे लेकर खुलकर चर्चा कर सकेंगे। मुझे विश्वास है सुशासन देने में पक्ष-विपक्ष सभी का सहयोग मिलेगा, प्रदेश की जनता में नया कॉन्फिडेंस पैदा होगा।
अशोक गहलोत ने कहा- भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो
13 अगस्त को जैसलमेर में अशोक गहलोत से जब पूछा गया कि वे इस सारे प्रकरण को कैसे देखते हैं तो वह बोले,'फॉरेगेट एंड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो, देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में।'
उन्होंने कहा,' लोकतंत्र खतरे में है। ये लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है, उसमें जो हमारे विधायकों ने इतना साथ दिया, 100 से अधिक विधायक एकसाथ रहना इतने लंबे समय तक, अपने आप में बहुत बड़ी बात है जो हिंदुस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा। तो ये लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है जो आगे भी जारी रहेगी।'
उन्होंने कहा, 'बाकी जो प्रकरण एपिसोड हुआ है, एक प्रकार से भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें, सब मिलकर चलें क्योंकि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके सरकार बनाई थी हमारी। हमारी सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उस विश्वास को बनाए रखें। हमलोग और प्रदेश की सेवा करें, सुशासन दें और कोरोना का मुकाबला करें सब मिलकर।'
बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में आज होगी सुनवाई
बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर पीठ आज (13 अगस्त) सुनवाई करेगी। इस मामले में मंगलवार (12 अगस्त) को बहस हुई थी लेकिन वह अधूरी रही थी।
भाजपा के विधायक मदन दिलावर ने इस विलय को चुनौती दी है। बसपा के विधायकों के शामिल होने के बाद कांग्रेस को राज्य विधानसभा में बहुमत कायम रखने में मदद मिली थी। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के वकील ने बताया कि बहस अधूरी रही और मामले पर फिर 13 अगस्त को अगली सुनवाई है। याचिकाकर्ता ने छह विधायकों के कांग्रेस में विलय करने को चुनौती दी है और इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिये गए आदेश के अमल पर रोक लगाने का अनुरोध किया है ।