अनुच्छेद 370ः राम माधव ने कहा- हम कहते हैं कि कश्मीर हमारा है, इसका मतलब नहीं कि जमीन हमारी है, हम कहते हैं कि प्रत्येक कश्मीरी हमारा है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 3, 2019 04:08 PM2019-10-03T16:08:17+5:302019-10-03T16:08:17+5:30
"हर कश्मीरी हमारा है" के संदेश के साथ कश्मीर के लोगों तक पहुंचते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने बुधवार को उन्हें भरोसा दिया कि मोदी सरकार ने भूमि और संस्कृति पर उनके हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी ली है।
राम माधव ने अनुच्छेद 370 को ‘‘जनता विरोधी’’ और जम्मू कश्मीर के विकास में ‘‘सबसे बड़ी रुकावट’’ करार दिया। उन्होंने इस आरोप को खारिज कर दिया कि प्रावधान को लोगों को अपनाने के लिए नहीं बल्कि भूभाग का मालिक बनने के लिए समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि मात्र 200 से 250 लोग एहतियातन हिरासत में हैं और यह अस्थायी है।
माधव ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करने से महात्मा गांधी के अहिंसा और एकता के विचारों पर आधारित विकास का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के लोगों के हित, उनकी जमीन, उनकी संस्कृति और उनका विकास, जो भी उनके हित में है, उनकी (हितों) रक्षा की जिम्मेदारी मोदीजी के नेतृत्व वाली सरकार ने ली है।’’
उन्होंने कहा कि इस पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम कश्मीर के लोगों के हित में उठाया गया है। गांधीजी के नाम पर, यह सरकार लोगों के प्रति समर्पित है।’’ भाजपा नेता ने कहा कि कश्मीर के संबंध में सरकार के कदमों का उद्देश्य कश्मीर के आखिरी गांव के प्रत्येक सदस्य के लिए शांति, प्रगति और विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी कारण से मोदीजी ने ऐसे कदम उठाये हैं। हमारे लिए प्रत्येक कश्मीरी इस देश के परिवार का सदस्य है।’’
उन्होंने कश्मीर के लोगों तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए कहा कि प्रत्येक कश्मीरी उनका है और प्रत्येक कदम उनका भाग्य बदलने के लिए उठाया गया है। राममाधव ने कहा, ‘‘जब हम यह कहते हैं कि जम्मू कश्मीर हमारा है, इसका यह मतलब नहीं कि मात्र जमीन हमारी है। हम कहते हैं कि प्रत्येक कश्मीरी हमारा है।’’
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किये जाने के बाद जम्मू कश्मीर एक नये युग में प्रवेश कर गया है। उन्होंने कहा, ‘‘जो कदम सामान्य तौर पर सात दशक पहले उठाया जाना चाहिए था, वह मोदीजी द्वारा 72 वर्ष बाद उठाया गया है।’’ उन्होंने कहा कि अब जम्मू कश्मीर किसी अन्य राज्य की तरह भारत का पूरी तरह से हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि 200..250 लोग एहतियातन हिरासत में हैं और यह एक अस्थायी उपाय है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति अनुकूल बनने पर उन्हें उनके राजनीतिक अधिकार वापस मिल जाएंगे। वे जल्द बाहर आएंगे। इसका निर्णय प्रशासन करेगा।’’