प्रियंका गांधी को बंगला खाली करने के आदेश पर भड़की अलका लाम्बा, कहा- 'ये तो बस एक बहाना है, रची जा रही है गहरी साजिश'

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 2, 2020 11:07 IST2020-07-02T11:07:51+5:302020-07-02T11:07:51+5:30

केंद्र सरकार ने बुधवार (एक जुलाई) को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से कहा कि वह नई दिल्ली स्थित बंगला एक महीने के भीतर खाली कर दें क्योंकि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद वह आवासीय सुविधा पाने की हकदार नहीं हैं।

alka lamba hits out on modi govt over Priyanka Gandhi vacate official Lodhi Road bungalow Delhi | प्रियंका गांधी को बंगला खाली करने के आदेश पर भड़की अलका लाम्बा, कहा- 'ये तो बस एक बहाना है, रची जा रही है गहरी साजिश'

कांग्रेस नेता अलका लाम्बा (File photo)

Highlightsपिछले साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष  राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी तथा उन्हें जेड-प्लस श्रेणी सुरक्षा दी थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को ‘35 लोधी एस्टेट’ बंगला 21 फरवरी, 1997 को आवंटित किया गया था। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार (1 जुलाई) को कहा कि केंद्र सरकार को प्रियंका गांधी की सुरक्षा को देखते हुए उनके आवास का आवंटन रद्द करने का फैसला वापस लेना चाहिए। 

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से नई दिल्ली स्थित बंगला एक अगस्त को खाली करने को कहा है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उन्हें मौजूदा आवास ‘35 लोधी स्टेट’ खाली करना पड़ेगा क्योंकि जेड प्लस की श्रेणी वाली सुरक्षा में आवासीय सुविधा नहीं मिलती। केंद्र सरकार के इस फैसले को कांग्रेस नेता अलका लाम्बा ने एक साजिश बताया है। अलका लाम्बा ने कहा है कि एक-एक कर कांग्रेस नेताओं की एसपीजी सुरक्षा वापस लेना कोई गहरी साजिश की ओर इशारा करता है। अलका लाम्बा ने अपने ट्वीट में यह तक लिखा है कि कांग्रेस नेताओं की हत्या तक की साजिश रची जा सकती है। 

अलका लाम्बा ने ट्वीट किया, 'प्रियंका गांधी के शुभ चिंतकों को यह भी डर और चिंता सत्ता रही है कि कहीं मोदी सरकार जानकर गांधी परिवार की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रही है, उनकी हत्या तक की साजिश रची जा सकती है, घर खाली करवाना तो एक बहाना है, इससे पहले उनकी सुरक्षा भी हटाई जा चुकी है, यह एक गहरी साजिश है।'

अपने एक अन्य ट्वीट में अलका लाम्बा ने लिखा, 'प्रियंका गांधी के शुभ चिंतकों का मानना है खास कर उत्तर प्रदेश वालों का कि उन्हें अब लखनऊ में घर लेकर रहना चाहिए... जिस तरह से उन्होंने गरीब, मजदूरों, किसानों, बेरोजगार युवाओं के हक अधिकारों की आवाज उठाने का काम किया है, उससे उन सभी को खूब ताकत मिली है।'

एक अन्य ट्वीट में अलका लाम्बा ने लिखा, भारत के जिस गांधी परिवार ने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया, त्याग और बलिदान दिए ,उस गांधी परिवार के सदस्यों के लिए एक दरवाजा सरकार बंद करेगी तो एक करोड़ दरवाजे खोलने को तैयार दिखेंगे। चीन पर सवाल फिर भी पूछे जाएंगे...?

जानिए प्रियंका गांधी को बंगला खाली करने पर किस कांग्रेस नेता ने क्या कहा? 

-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार (1 जुलाई) को कहा कि केंद्र सरकार को प्रियंका गांधी की सुरक्षा को देखते हुए उनके आवास का आवंटन रद्द करने का फैसला वापस लेना चाहिए। 

-कांग्रेस प्रवक्ता राजीन त्यागी ने ट्वीट कर लिखा, मकान से तो निकाल सकते हो परन्तु प्रियंका जी हम भारतीयों के दिलो में बसती हैं, वहां से कैसे निकालोगे। इंदिरा जी भी लोगों के दिल में बसती थी। "प्रियंका गांधी मेरी नेता है मुझे उन पर गर्व है"

वहीं एक अन्य कांग्रेस नेता ने भी ट्विटर पर ऐसा ही पोस्ट किया है।

-कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सरकार ने इस कदम के लिए यह समय क्यों चुना। बहरहाल, ध्यान भटकाने के मकसद से उठाए गए कदमों का प्रियंका गांधी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। वह उत्तर प्रदेश की जनता की लड़ाई लड़ने के मिशन पर निकली हैं और रुकने वाली नहीं हैं।

पिछले साल राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी की ली गई थी SPG सुरक्षा

सरकार ने पिछले साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी और उन्हें जेड-प्लस श्रेणी सुरक्षा दी थी। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वह एक अगस्त तक मौजूदा आवास ‘35 लोधी एस्टेट’ खाली कर दें और अगर ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें नियमों के मुताबिक किराये अथवा क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि उन्हें यह आवास खाली करने के लिए जो भी समय लगेगा उस अवधि के किराये का भुगतान करना पड़ेगा। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी (फाइल फोटो)

21 फरवरी 1997 को प्रियंका गांधी को ‘35 लोधी एस्टेट’ किया गया था आवंटित

टाइप 6बी का यह आवास प्रियंका को 21 फरवरी, 1997 को आवंटित किया गया था क्योंकि उस वक्त उन्हें एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा में आवास सुविधा का प्रावधान नहीं होता और ऐसे में उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ेगा। कांग्रेस ने गांधी परिवार से एसपीजी की सुरक्षा वापस लिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और यह मुद्दा संसद में भी उठाया था। 

एक अधिकारी के अनुसार प्रियंका इस बंगले का 37000 रुपये मासिक किराया दे रही थीं। अधिकारी ने कहा, जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति सरकारी आवास का हकदार नहीं होता है। अगर आवास संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीए) गृह मंत्रालय की ओर से किए गए सुरक्षा से जुड़े आकलन के आधार पर कोई सिफारिश करती है तो फिर अपवाद स्वरूप आवास की सुविधा दी जाती है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो)

उन्होंने कहा कि सीसीए ने सात दिसंबर, 2000 को सुरक्षा के आधार पर सरकारी आवासों के आवंटन से जुड़े दिशानिर्देशों की समीक्षा की थी और यह फैसला किया था कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के अलावा किसी दूसरे को सुरक्षा के आधार पर आवास की सुविधा नहीं दी जाएगी। अधिकारी ने बताया, ऐसे आवंटन बाजार दर पर किए जाते थे जो सामान्य किराए से 50 गुना होता था। फिर जुलाई, 2003 में फैसला हुआ कि यह आवास पाए लोगों से सामान्य किराए का 20 गुना लिया जाए। 

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