जब सालों तक अपना नाम छिपाते रहे राहुल गांधी, इस बदले हुए नाम के साथ विदेश में गुजारे थे कई साल

By राहुल मिश्रा | Updated: June 19, 2018 11:57 IST2018-06-19T11:51:05+5:302018-06-19T11:57:18+5:30

आज हम आपको राहुल गांधी की एक ऐसी जानकारी से रूबरू कराने जा रहे हैं जब उन्हें सुरक्षा कारणों से अपना नाम तक बदल कर रहना पड़ा था।

After Rajiv gandhi death rahul gandhi assumed the pseudonym Raul Vinci | जब सालों तक अपना नाम छिपाते रहे राहुल गांधी, इस बदले हुए नाम के साथ विदेश में गुजारे थे कई साल

rahul gandhi

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज अपना 48 वां जन्मदिन मना रहे हैं। 19 जून 1970 को दिल्ली में जन्मे राहुल गांधी ने साल 2004 में सक्रिय रूप से देश की राजनीति में कदम रखा था। आज राहुल देश में एक ऐसा नाम हैं जिनके बारे में कई तरह की बातें की जाती हैं। नेहरु-गांधी परिवार के होने के कारण उनके बारे में अधिकतर बातें तो सामने आ चुकी हैं लेकिन कुछ बातें आज भी ऐसी हैं जो कई लोगों को नहीं पता होंगी। आज हम आपको उनकी एक ऐसी ही जानकारी से रूबरू कराने जा रहे हैं जब उन्हें सुरक्षा कारणों से अपना नाम तक बदल कर रहना पड़ा था।  

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शुरुआत की पढ़ाई दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई थी। यहां की पढ़ाई के बाद वह दून स्कूल में पढ़ने चले गये थे। ये वही स्कूल था जहां उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी। राहुल गांधी को साल 1981-83 तक सुरक्षा कारणों से अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी थी। 1994 में उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से कला स्नातक की उपलब्धि हासिल की है। यह वही समय था जब कुछ ऐसा हुआ कि उनकी जिंदगी में भूचाल आ गया और उन्हें अपना नाम तक बदलने को मजबूर होना पड़ा।

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दरअसल जब 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी की हत्या तमिल टाइगर्स (LTTE) द्वारा कर दी गई थी। तब उन्हें सुरक्षा कारणों से हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा में आगे की पढाई के लिए शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन यहां बहुत कम लोगों को पता है कि इस दौरान वो कॉलेज में 'राहुल गांधी' नहीं बल्कि रॉल विंसी नाम से शिफ्ट हुए थे। इस बात को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था और इसकी जानकारी सिर्फ कॉलेज प्रशासन के कुछ सदस्यों व सुरक्षा एजेंसियों को ही थी।

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इसके बाद भी राहुल को कई साल तक नाम बदल कर ही रहना पड़ा था। यहां तक कि जब राहुल गांधी ने स्नातक स्तर तक की पढ़ाई करने के बाद प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया तब इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ थे कि वे किसके साथ काम कर रहे हैं क्योंकि वहां भी राहुल 'रॉल विंसी' के नाम से ही कम्पनी में नियोजित थे। 

हालांकि इस बाबत राहुल गाँधी के आलोचक उनके इस कदम को उनके भारतीय होने से उपजी उनकी हीन-भावना मानते हैं जबकि काँग्रेसजन उनके इस कदम को उनकी सुरक्षा से जोड़ कर देखते हैं। 

Web Title: After Rajiv gandhi death rahul gandhi assumed the pseudonym Raul Vinci

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