बर्थडे स्पेशल: प्राइवेट नौकरी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष बनने तक कुछ ऐसा है राहुल गांधी का राजनीति सफर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 19, 2018 09:16 AM2018-06-19T09:16:28+5:302018-06-19T09:28:59+5:30
राहुल गांधी ने 2004 में सक्रिय रूप से राजनीति में अपना पहला कदम रखा था। भारतीय राजनीति में करीब 65 सालों तक सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी आज पूरी तरह से राहुल गांधी के ही कंधों पर है।
नई दिल्ली, 19 जून: कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी का आज जन्मदिन है। 19 जून 1970 को जन्मे राहुल गांधी आज 48 साल के हो गए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे देश में अपने नेता का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम से मनाने की तैयारी में हैं। राहुल गांधी ने 2004 में सक्रिय रूप से राजनीति में अपना पहला कदम रखा था। भारतीय राजनीति में करीब 65 सालों तक सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी आज पूरी तरह से राहुल गांधी के ही कंधों पर है। ऐसे में पार्टी को एक बार फिर से सत्ता में लाने के लिए वह तरह का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। करीब 14 साल पहले राजनीति में आगाज करने से कांग्रेस अध्यक्ष बनने तक का सफर तय करते हुए राहुल बदले हैं, साथ ही उनकी सियासत का तरीका भी बदला है। आइए जानते हैं उनका अब तक का कैसा सफर रहा है।
राहुल गांधी की शिक्षा
काग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शुरुआत की पढ़ाई दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई थी। यहां की पढ़ाई के बाद वह दून स्कूल में पढ़ने चले गये थे। ये वही स्कूल था जहां उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी। राहुल गांधी को साल 1981-83 तक सुरक्षा कारणों से अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी थी। 1994 में उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से कला स्नातक की उपलब्धि हासिल की है। इसके बाद साल 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की उपाधि भी ली है। वह कांग्रेस के पढ़े लिखे नेता के रूप में जाने जाते हैं।
परिवार के अहम सदस्यों को खोया
जब वह मजह 14 साल के थे उस समय उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी को खो दिया था। इसके कुछ समय बाद ही राहुल ने 21 मई 1991 को एक चुनावी सभा में उनके पिता राजीव गांधी की भी हत्या हो गई थी, उस समय केवल 21 साल के थे। इसके बाद उनकी मां सोनिया गांधी ने ही उनकी परवरिश की और राजनीतिक गुर सिखाए जिसके बाद आज वह कांग्रेस के अध्यक्ष बनें।
राजनीति से पहले की है नौकरी
विदेश से पढ़ के आने के बाद राहुल गांधी ने राजनीति में कदम रखने से पहले मुंबई बेस्ड टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिंग कंपनी में बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर के तौर पर भी कार्य किया था। राहुल गांधी ने यहां करीब दो साल तक काम किया था। साथ ही मुंबई आने से पहले राहुल तीन सालों तक लंदन के मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मॉनिटर ग्रुप में काम किया था।
राहुल गांधी का राजनीति में सफर
2004 में उन्होंने राजनीति में शुरुआत की थी, लेकिन कह सकते हैं कि राजनीति उनके खून में ही है। देश की राजनीति के सबसे दिग्गज परिवार से आने वाले राहुल का बचपन प्रधानमंत्री आवास में ही बीता था। 2003 से वे अपनी मां सोनिया गांधी के साथ राजनीतिक गलियारों में देखे जाने लगे थे। पिता की सियासत से सींची गई अमेठी ने उन्हें बाहों में उठा लिया और पहली बार 2004 में उन्होंने पहली बार सांसद का चुनाव जीता है।
बनें कांग्रेस अध्यक्ष
2004 में अमेठी से चुनाव जीत कर वह पहली बार संसद पहुंचे थे। राजनीति में आने के बाद लंबे वक्त तक यह मांग उठती रही कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंप देनी चाहिए, मगर राहुल सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते हुए ऊपर जाना चाहते थे। ऐसे में मां के बीमार रहने के कारण उन्होंने 2017 में अध्यक्ष का पद संभाला है।