नई दिल्ली, 3 अप्रैल: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली से माफी मांग ली है लेकिन आप नेता कुमार विश्वास ने माफी मांगने से इंकार किया है। कुमार विश्वास ने कहा कि मेरा अनुरोध है कि पार्टी के लीगल सेल को सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा 'पहले पार्टी के लगभग 11 हजार कार्यकर्ताओं के खिलाफ जो मुकदमा देशभर में दर्ज है उसे वापस कराया जाना चाहिए।'
मानहानि मामलाः अब दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने मांगी वित्तमंत्री जेटली से मांफी
केजरीवाल और उनके साथ आप नेता संजय सिंह, राघव चड्ढाऔर आशुतोष ने एक संयुक्त रूप से सोमवार को माफीनामा भेजा था। सीएम केजरीवाल ने जेटली पर बतौर दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) प्रेसिडेंट घोटाला और चयन में अनियमितता के आरोप लगाए थे। इस मामले में जेटली ने केजरीवाल समेत पांच आप नेताओं पर सिविल व आपराधिक मानहानि के मुकदमे दायर किए थे। सीलिंग मामला: आज दिल्ली रहेगी बंद, रामलीला मैदान में व्यापारियों का होगा विरोध प्रदर्शन
दिल्ली हाई कोर्ट से वित्त मंत्री जेटली और केजरीवाल, सिंह, आशुतोष, वाजपेयी और चड्ढा की ओर से मानहानि के मामले दायर की गई याचिका के निपटाने का अनुरोध किया है। सीएम केजरीवाल के माफी मांगने के बाद यह याचिका दायर की गई है, लेकिन इस मामले में अभी तक आप नेता कुमार विश्वास की तरफ से कोई याचिका नहीं दायर हुई है इसलिए मानहानि का मामला अभी चलता रहेगा। लाभ का पद: अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट के फैसले को बताया 'सत्य की जीत', विपक्षी दलों ने कहा 'फौरी राहत'
बिक्रम सिंह मजीठिया पर केजरीवाल ने नशीले पदार्थों के कारोबार में लिप्त रहने का आरोप लगाया था, जबकि उन्होंने देश के सबसे भ्रष्ट लोगों की एक सूची बनाई थी, जिसमें उन्होंने नितिन गडकरी का नाम भी लिया था। इस पर नितिन गडकरी ने केजरीवाल पर मानहानि का मुकदमा दायर किय था। साथ ही कपिल सिब्बल और उनके बेटे पर केजरीवाल ने 2013 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'शक्ति के दुरुपयोग' का आरोप लगाते हुए लाभ उठाने की बात कही थी। इन तीनों ही मामलों में केजरीवाल ने माफी मांग चुके हैं।अरविंद केजरीवाल पर लगा आरोप, रैली में 350 रुपये और खाने पर बुलाए गए थे लोग, न पैसा मिला न खाना
वहीं, आम आदमी पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के मुताबिक अरविंद केजरीवाल पर अब भी दर्जनभर से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें खासतौर पर मानहानि, चुनाव प्रचार के दौरान होर्डिंग/पोस्टर लगाना, धारा 144 का उल्लंघन, दिल्ली में प्रदर्शन आदि। यह मामले महाराष्ट्र, गोवा, वाराणसी, अमेठी, पंजाब, असम आदि जगहों पर दर्ज कराए गए हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में केजरीवाल को कोर्ट में मौजूद रहना होता है। इससे हमारे कामकाज पर असर पड़ता है।