एशिया में इस जगह है भगवान कुबेर की सबसे बड़ी मूर्ति

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: November 13, 2020 02:05 PM2020-11-13T14:05:20+5:302020-11-13T14:05:20+5:30

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एशिया में कुबेर की सबसे बड़ी प्रतिमा विदिशा जिले के एक संग्रहालय में रखी गई है। जहां भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। भगवान कुबेर धन के देवता माने जाते हैं।

साल 2005 से यहां कुबेर की पूजा की जाती रही है। जिला संग्रहालय में कुबेर की मूर्ति एशिया में सबसे बड़ी मानी जाती है। दुनिया में कुबेर की चार सबसे बड़ी प्रतिमाएं हैं, जिनमें से यह एशिया की सबसे बड़ी मूर्ति है।

विदिशा को ऐतिहासिक रूप से सम्राट अशोक के ससुर के रूप में जाना जाता है। विदिशा को मूल रूप से भेलसा कहा जाता था। सम्राट अशोक का विवाह यहां की एक देवी से हुआ था। समय-समय पर विदिशा में प्राचीन संपदा पाई गई हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, धन कुबेर की मूर्ति बेतवा नदी के तट पर थी। शहर के लोगों ने इसे विशाल पत्थर समझा और इस पत्थर पर कपड़े धोने शुरू कर दिए थे, जिसके बाद इसे प्रतिमा के रूप में पहचाना गया।

प्रतिमा को जिला संग्रहालय में संरक्षित किया गया है। यह मूर्ति आज पूरे देश में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई है। विदिशा जिले में धन की कमी ना हो, इसको लेकर धनतेरस के दिन इस प्रतिमा की जिला संग्रहालय में पूजा अर्चना की जाती है।

इस मूर्ति की पूजा धनत्रयोदशी के दिन की जाती है। लोग इस जगह पर घूमते हैं और मूर्ती की पूजा करते हैं।