Bhiwandi building collapse: 40 की मौत, मृतकों में 18 बच्चे शामिल, 25 को जिंदा बाहर निकाला, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: September 23, 2020 04:35 PM2020-09-23T16:35:21+5:302020-09-23T16:35:21+5:30

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महाराष्ट्र के भिवंडी में तीन मंजिला इमारत ढहने में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 40 हो गई।

पुलिस ने बताया कि मृतकों में 18 बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी उम्र दो से लेकर 15 वर्ष के बीच है।

अधिकारी ने बताया कि अभी तक 25 लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया है। इन लोगों को भिवंडी और ठाणे के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के बावजूद भी खोज अभियान रातभर जारी रहा।

मलबे से निकाले गए शव क्षत विक्षत हैं, क्योंकि वे 50 घंटे से अधिक समय से दबे थे। अधिकारी ने बताया कि 43 वर्ष पुरानी ‘जिलानी बिल्डिंग’ सोमवार तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर ढह गई थी।

इमारत में 40 फ्लैट थे और करीब 150 लोग यहां रहते थे। भिवंडी, ठाणे से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है।

उन्होंने बताया कि इमारत गिरने के मामले में नगर निकाय के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है और इमारत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

धमनकर नाका के पास नारपोली में ‘पटेल कम्पाउंड’ स्थित इमारत जब ढही, उस समय उसमें रहने वाले लोग सो रहे थे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ठाणे आपदा मोचन बल (टीडीआरएफ) के कर्मी मौके पर मौजूद हैं और तलाश अभियान जारी है। अधिकारी ने बताया कि यह इमारत भिवंडी-निजामपुर नगर निगम की जीर्ण-शीर्ण इमारतों की सूची में शामिल नहीं थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को महाराष्ट्र के भिवंडी नगर में सोमवार तड़के तीन मंजिला एक इमारत के गिर जाने से हुई मौतों पर दुख जताया है। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘महाराष्ट्र के भिवंडी में इमारत गिरने की घटना से दुखी हूं। शोकाकुल परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बचाव अभियान वहां जारी है और प्रभावितों को हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है।’’ भिवंडी के नरपोली में पटेल परिसर स्थित इमारत तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर गिर गई। 

महाराष्ट्र में ठाणे जिले के भिवंडी में तीन मंजिला इमारत के ढहने के कुछ घंटों बाद समीप के दो भवनों को भिवंडी निजामपुर नगर निगम ने सोमवार रात खाली करवा दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि निगम ने पहले ही इन दोनों भवनों को रहने के लिए खतरनाक घोषित किया हुआ था।

स्थानीय नगर वार्ड के कार्यालय अधीक्षक लक्ष्मण कोंकणी ने कहा, ‘‘ दोनों भवनों को सोमवार रात खाली करा दिया गया। इनमें भूतल और उसके ऊपर तीन मंजिल थी। यहां 13 परिवार यानी करीब 25-30 लोग किराये पर रहते थे।’’ दोनों भवनों की बिजली की आपूर्ति पहले ही बंद कर दी गयी थी। उन्होंने कहा इन भवनों को ढहाया जाए या नहीं, इस पर बाद में निर्णय लिया जाएगा।