दिल्ली में लॉकडाउन, प्रवासी श्रमिक का सैलाब, रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल पर हुजूम, देखें तस्वीरें...

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 20, 2021 11:15 PM2021-04-20T23:15:28+5:302021-04-20T23:18:43+5:30

Next

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली में लगाए गए छह दिन के लॉकडाउन के पहले दिन यहां सड़कें मौटे तौर पर सूनी रहीं जबकि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक इसे 26 अप्रैल के बाद भी बढ़ाये जाने की आशंका से घर जाने के लिए बस टर्मिनल की ओर जाते हुए नजर आये।

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने प्रवासी नागरिकों से डर की वजह से शहर छोड़कर नहीं जाने की अपील की और उन्हें विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि सरकार कोरोना वायरस महामारी के इस हालात में भोजन एवं आश्रय संबंधी उनकी समस्त जरूरतों का ध्यान रखेगी। प्रधान सचिव (गृह) एवं विशेष पुलिस आयुक्त को स्थिति से निपटने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

पिछले साल की भांति ही इस बार भी हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के वास्ते बस लेने के लिए अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों पर नजर आये। कौशाम्बी बस डिपो में अपने परिवार के साथ घर जाने का इंतजार कर रही नेपाल की दिहाड़ी मजदूर गीता कुमारी ने कहा, ‘‘ यदि लॉकडाउन बढ़ गया तो क्या (होगा)? यदि उन्होंने निर्माण गतिविधियां लंबे समय के लिए पूरी तरह रोक दी तो क्या (होगा) ? हम तब क्या खायेंगे। पिछली बार हमने स्थिति के सुधर जाने का इंतजार किया लेकिन आखिरकार हमें घर किसी तरह घर जाना ही पड़ा।’’

उसने कहा, ‘‘मेरे परिवार में सात सदस्य हैं, जिसमें बुजुर्ग भी हैं। पिछले बार के लॉकडाउन के दौरान स्थिति खराब होने के बाद हम नेपाल चले गए थे। हम करीब चार-पांच महीने पहले लौटे थे। हम दैनिक मजदूर हैं और वर्तमान हालात के कारण हमारे पास काम नहीं है। हमारे गांव में भी काम नहीं है इसलिए हमें वापस आना पड़ा लेकिन यह निश्चित नहीं है कि कब लॉकडाउन और आगे के लिए बढ़ जाए।’’

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को रात दस बजे से 26 अप्रैल सुबह पांच बजे तक छह दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि कोविड-19 के मरीज बहुत बड़ी संख्या में होने के कारण दिल्ली में स्वास्थ्य प्रणाली बहुत अधिक दबाव में है और यदि सख्त कदम नहीं उठाए गए तो प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी। इस दौरान बस जरूरी सेवाओं एवं गतिविधियों को ही छूट प्राप्त है और कुछ लोग ही निकले, सड़कें खाली रहीं। आवासीय क्षेत्रों में भी केवल किराना सामान, सब्जियों की दुकानें ही खुलीं।

केजरीवाल ने मंगलवार को लोगों से अपील की है कि वे इस अवधि में घरों के भीतर ही रहें। उन्होंने कहा कि यह फैसला लोगों की सेहत और सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली में आज से लॉकडाउन शुरू हो चुका है। ये फ़ैसला आपके स्वास्थ्य और सुरक्षा के मद्देनज़र लिया गया है। कृपया इसमें सरकार का सहयोग करें, अपने घर पर ही रहें, संक्रमण से बचकर रहें।’’

दिल्ली में लॉकडाउन से पहले शुक्रवार रात को सप्ताहांत कर्फ्यू लगाया गया था। उससे पहले सरकार ने रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक के लिए रात्रि कर्फ्यू लगाया था लेकिन तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामले घटे नहीं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि लॉकडाउन के पहले दिन आवाजाही निर्बाध रही लेकिन कुछ लोगों का घर से अनावश्यक निकलने पर चालान किया गया।

शहर के कई क्षेत्रों में पुलिस ने लाउडस्पीकरों से घोषणा करके लोगों को लॉकडाउन के बारे में बताया और उनसे सरकार के कोरोना वायरस दिशानिर्देशों का पालन करने का आह्वान किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आपातस्थिति में फंसे लोगों की मदद की गयी और जो लोग बिना वैध कारण के घूमते पाये गये, उन पर जुर्माना किया गया।

लॉकडाउन के कारण निजी कार्यालय तथा अन्य प्रतिष्ठान मसलन दुकानें, मॉल, साप्ताहिक बाजार, निर्माण इकाईयां, शिक्षण संस्थान आदि बंद रहे और लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। दिल्ली सरकार ने इस बीच प्रवासी मजदूरों, निर्माण मजदूरों एवं दिहाड़ी मजदूरों के कल्याण के वास्ते कदम उठाने के लिए सात सदस्यीय समिति बनायी। (सभी फोटोः एनएआई)