Light Combat Helicopters: मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम, जानिए खासियत, देखें तस्वीरें

By सतीश कुमार सिंह | Published: October 3, 2022 03:07 PM2022-10-03T15:07:39+5:302022-10-03T15:12:17+5:30

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भारतीय वायुसेना ने देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को सोमवार को औपचारिक रूप से यहां अपने बेड़े में शामिल कर लिया। इससे वायुसेना की ताकत में और वृद्धि होगी क्योंकि यह बहुपयोगी हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तथा वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी की उपस्थिति में चार हेलीकॉप्टर को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण क्षण है जो रक्षा उत्पादन में भारत की क्षमता को दर्शाता है।’’

भारतीय वायुसेना भारत की संप्रभुता की रक्षा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और मुझे विश्वास है कि एलसीएच के शामिल होने के बाद इसकी समग्र क्षमता में और वृद्धि होगी।

हम कुछ घटनाक्रमों के बाद देश के रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। देश की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और हमेशा रहेगी।’’ उन्होंने स्वदेश निर्मित हेलीकॉप्टर में भरोसा जताने के लिए वायुसेना की सराहना भी की।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि इस एलसीएच की क्षमता वैश्विक स्तर पर अपनी श्रेणी के हेलीकॉप्टर के बराबर है। इस मौके पर एक सर्व-धर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया। एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है।

1999 के करगिल युद्ध के बाद ऐसे हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है।

गौरतलब है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे।

अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच और ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव में कई समानताएं हैं। उन्होंने बताया कि इसमें कई विशेषताएं हैं जिनमें ‘स्टील्थ’ (रडार से बचने की) खूबी के साथ ही बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली से लैस और रात को हमला करने व आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता शामिल हैं। हेलीकॉप्टर को ऐसे समय में शामिल किया गया है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर सैन्य गतिरोध बरकरार है।