1 / 6रविवार गुजरात के मोरबी में माच्छू नदी पर बना केबल पुल टूट गया जिसमें 141 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। (फोटो: Twitter/ANI) 2 / 6एक निजी कंपनी ओरेवा (Oreva) द्वारा सात महीने तक पुल का मरम्मत कार्य करने के बाद इसे चार दिन पहले ही 26 अक्टूबर को जनता के लिए फिर से खोला गया था। हालांकि पुल को नगरपालिका का ‘फिटनेस प्रमाणपत्र’ अभी नहीं मिला था। (फोटो: Twitter/ANI) 3 / 6पीटीआई के अनुसार मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने कहा, ‘पुल को 15 साल के लिए संचालन और रखरखाव के लिए ओरेवा कंपनी को दिया गया था। इस साल मार्च में, इसे मरम्मत के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया था। 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर मरम्मत के बाद इसे फिर से खोल दिया गया था।’ (फोटो: Twitter/ANI) 4 / 6गुजरात सरकार ने केबल पुल हादसे की जांच के लिए सोमवार एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन की घोषणा की। (फोटो: Twitter/ANI) 5 / 6जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार हादसे के बाद तत्काल व्यवस्था को सक्रिय किया गया और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया। इसके अलावा अन्य जगहों से भी टीमें मौके पर पहुंची। (फोटो: Twitter/ANI) 6 / 6विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों, राजकोट पीडीयू अस्पताल और सुरेंद्रनगर सिविल अस्पताल के लगभग 40 डॉक्टरों ने मोरबी सिविल अस्पताल में घायलों का आपातकालीन उपचार शुरू किया। हादसे में जान गंवाने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। (फोटो: Twitter/ANI)