Farmers Protest: किसानों ने दिल्ली में डाला डेरा, कुदाल लेकर खेत में उतरीं महिलाएं

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 4, 2020 03:52 PM2020-12-04T15:52:34+5:302020-12-04T15:56:40+5:30

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किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं और उनके खेतों को संभाल रही हैं घर की औरतें। मेरठ में परिवार के पुरुष सदस्यों के किसान आंदोलन में भाग लेने के चलते महिलाएं खेत में काम कर रही हैं।

निशू चौधरी नाम की एक छात्रा ने बताया, "मेरे परिवार के लोग पापा, चाचा, भाई और क्षेत्र के लोग किसान आंदोलन में गए हैं। इसलिए हम खेत में आकर काम कर रहे हैं। ताकि हमारी फसल खराब न हो।"

मवेशियों के लिए चारे का इंतजाम हो या फिर खेती-किसानी का जिम्मा, महिलाओं ने सब संभाल रखा है। 

परिवार के लोग हक की लड़ाई लड़ रहे हैं तो हम भी इस संघर्ष में पीछे क्यों रहें।

महिलाएं सुबह के चार बजे से ही फसल की सिंचाई करतीं, खाद डालती नजर आती हैं। खेतीबाड़ी का जिम्मा संभाल लिया है।

नए कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन जारी है। आंदोलन 9वें दिन भी जारी है। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की कल हुई बैठक भी बेनतीजा रही।

प्रदर्शन को लेकर सियासत जारी है। विपक्ष ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।

देश भर के किसान दिल्ली में हल्ला बोल रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता सिंघू बॉर्डर सहित दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन कर रहे हैं। 

बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान ने कहा कि हम सभी यहां अपने किसान भाइयों के लिए लड़ रहे हैं। गांव में हमारी बहू और बेटियां खेती कर रही हैं। गांव के 10 परिवारों से किसान आंदोलन में गए हैं।