Cash For Query Case: अचार समिति की इन सिफारिशों के आधार पर गई महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता

By रुस्तम राणा | Published: December 8, 2023 03:59 PM2023-12-08T15:59:12+5:302023-12-08T15:59:12+5:30

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नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी की सिफारिश को मंजूरी देते हुए टीएमसी सांसद की लोकसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया। टीएमसी सांसद की यह सदस्यता 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में गई।

ओम बिरला ने मामले में टीएमसी सांसद को निचले सदन में बोलने की इजाजत भी नहीं दी। बिड़ला ने कहा कि मोइत्रा को पैनल मीटिंग में अपना बचाव करने का मौका मिला था। इस मामले में जांच का सामना कर रहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं।

समिति की रिपोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा "समयबद्ध तरीके से" गहन, कानूनी, संस्थागत जांच" का भी आह्वान किया गया। रिपोर्ट में टीएमसी सांसद द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के साथ लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने के कार्य को 'अनैतिक आचरण' और 'सदन की अवमानना' कहा।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के लिए "कड़ी सजा" की मांग की। इसने सांसद को लोकसभा से निष्कासित करने की भी सिफारिश की।

समिति ने सरकारी जांच की भी मांग की और कहा, ''महुआ मोइत्रा के बेहद आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण को देखते हुए, समिति समय रहते भारत सरकार से गहन, कानूनी, संस्थागत जांच की सिफारिश करती है।''

समिति ने सरकार द्वारा महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच 'क्विड प्रो क्वो' के हिस्से के रूप में नकद लेनदेन के 'मनी ट्रेल' की जांच शुरू करने की सिफारिश की।

रिपोर्ट में कहा गया है, '''क्विड प्रो क्वो' के हिस्से के रूप में श्रीमती महुआ मोइत्रा और श्री दर्शन हीरानंदानी के बीच नकद लेनदेन के 'मनी ट्रेल' की भारत सरकार द्वारा कानूनी, संस्थागत और समयबद्ध तरीके से जांच की जानी चाहिए।''