हृदय रोगों से हर वर्ष 36 लाख लोगों की मौत, मृत्यु दर को कम करने के लिए एकजुट प्रयासों की जरूरत: डब्ल्यूएचओ

By संदीप दाहिमा | Published: September 29, 2022 05:10 PM2022-09-29T17:10:10+5:302022-09-29T17:20:46+5:30

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि ज्यादातर हृदय रोगों को रोका जा सकता है और तंबाकू के उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार तथा शारीरिक निष्क्रियता जैसे खतरे वाले कारकों से निपटने के लिए एक संपूर्ण सरकारी नजरिये की जरूरत है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि ज्यादातर हृदय रोगों को रोका जा सकता है और तंबाकू के उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार तथा शारीरिक निष्क्रियता जैसे खतरे वाले कारकों से निपटने के लिए एक संपूर्ण सरकारी नजरिये की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हृदय रोग मौत का एक प्रमुख कारण है, जिसमें हर वर्ष 36 लाख लोगों की जान जाती है। डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने एक वेबिनार ‘सी हार्ट्स’ में कहा, ‘‘हृदय रोगों की रोकथाम के लिए ‘‘तंबाकू के उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक निष्क्रियता और शराब का अधिक सेवन जैसे जोखिमपूर्ण कारकों से निपटने के वास्ते संपूर्ण सामाजिक और सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।’’

हृदय संबंधी रोगों (कार्डियो वैस्कुलर डिजीज... सीवीडी) से होने वाली मौतों को एक तिहाई तक कम करने के लिए, डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र ने ‘सी हार्ट्स’, ‘डब्ल्यूएचओ साउथ-ईस्ट एशिया हार्ट्स पहल’ के माध्यम से जारी पहलों को बढ़ाने और इन्हें एकीकृत करने की योजना बनाई है।

‘सी हार्ट्स’ पहल के जरिये हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और हृदय रोगों, आघात (स्ट्रोक) और मधुमेह से होने वाली मृत्यु दर को कम करने का प्रयास किया गया है। डॉ. खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘‘हमें ‘डब्ल्यूएचओ हार्ट्स’ तकनीकी पैकेज के पूर्ण कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, राजनीतिक इच्छाशक्ति और जवाबदेही को संगठित और मजबूत बनाना चाहिए।’’

हृदय रोग की रोकथाम और इसे नियंत्रित करने के लिए किये गये प्रयासों को उजागर करने के वास्ते हर साल ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता है। हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के एक संयुक्त प्रयास के तहत सदस्य देशों, भागीदारों, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस वेबिनार में भाग लिया, जिसमें सीवीडी के खिलाफ कार्रवाई और प्रयासों में तेजी लाने के तरीकों पर चर्चा की गई।