कई कंपनिया और शॉपिंग सेंटर आपकी खरीदारी को आसान बनाने के लिए इजी यानी सरल पेंमेंट सिस्टम और जीरो पर्सेंट/0% (zero percent finance scheme) जैसी स्किम समय-समय पर लाते रहते हैं। इसके अलावा बाजारों में सामान की खरीदारी (shopping) के लिए आसान पेमेंट (Easy payment system) करने के कई विकल्प मौजूद हैं। इन सबके बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय जीरो पर्सेंट फाइनेंस स्कीम है। जिसमें कई फाइनेंस कंपनी रिटेल स्टोर्स और प्रोडक्ट कंपनी के साथ टाइअप कर ग्राहकों को लोक लुभावन ऑफर्स देती हैं।
यहां गच्चा खा जाते हैं ग्राहमअक्सर फाइनेंस कंपनियां जीरो पर्सेंट फाइनेंस या जीरो फीसदी ब्याज दर के नाम पर ग्राहकों को आसान किश्तों के जरिए सामान उपलब्ध करवाती हैं, यहां ग्राहक अक्सर गच्चा खा जाते हैं और कंपनियों के इस लोकलुभावन ऑफर्स में फंस जाते हैं। यहां आपको जीरो पर्सेंट फाइनेंस को ध्यान से समझने की जरूती है। जीरो पर्सेंट फाइनेंस का मतलह है कि आपको कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा लेकिन फाइनेंस कंपनियां लोन के बदले आपसे भारी भरकम प्रोसेसिंग फीस वसूलती हैं। ये फीस लगभग ब्याज के बराबर ही होती है।
ये है जीरो पर्सेंट का गणितआम तौर पर कंज्यूमर गुड्स कंपनिया जीरो पर्सेंट फाइनेंस स्कीम देती हैं जिसमें आपको अपने खरीदे गए सामान के लिए तुरंत पूरा भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती। आपके सामान की EMI यानी कई किश्ते बना दी जाती है। इन किश्तों को एक निश्चित अवधि में आपको चुकाना होता है। इन ईएमआई पर आपको ब्याज देने की जरूरत नहीं पड़ती है यह एक तरह का लोन ही होता है लेकिन इसे बैंक नहीं बल्कि फाइनेंस कंपनियां आपका क्रेडिट स्कोर देखकर आपको उपलब्ध कराती है।
खरीदारी आसान लेकिन शॉपिंग महंगीयह स्कीम अब नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) और रिटेल स्टोर्स मुहैया कराते हैं। जो सामान या प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियों से टाइअप कर फाइनेंस करते हैं। जीरो पर्सेंट फाइनेंस स्कीम आपकी खरीदारी को आसान तो बना देती है लेकिन इस दौरान कंपनी और रिटेलर की ओर से आपको कैश डिस्काउंट या गिफ्ट कूपन नहीं मिलता है।
ऐसे चुकाते हैं दोगुनी कीमतखरीदे हुए सामान का पैसा रिटेलर स्टोर एनबीएफसी के माध्यम से वसूल कर लेता है। ऐसे में प्रोसेसिंग फीस के नाम पर वसूला गया पैसा और कैश डिस्काउंट, गिफ्ट कूपन नहीं मिलने से आपको जीरो पर्सेंट फाइनेंस की तुलना में महंगा ही पड़ता है। कई बार यह आपके प्रोडक्ट से महंगा भी पड़ जाता है और आपको उससे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है।