नई दिल्लीः भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जीवन बीमा कंपनियों को एक जनवरी 2021 तक एक मानक ‘सरल जीवन बीमा’ बीमा पॉलिसी पेश करने का निर्देश दिया है।
इस तरह की पॉलिसी से ग्राहकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इरडा ने कहा कि ‘सरल जीवन बीमा’ पॉलिसी शुद्ध रूप से एक सावधि जीवन बीमा योजना होगी। जिसे 18 से 65 वर्ष की उम्र का कोई भी व्यक्ति ले सकेगा और इसकी अवधि चार से 40 साल तक होगी। दिशानिर्दशों के मुताबिक इस बीमा योजना के तहत व्यक्ति पांच लाख से लेकर 25 लाख रुपये तक का बीमा करा सकता है।
यह 50,000 रुपये के गुणकों में होगा। इरडा ने कहा, ‘‘ सभी जीवन बीमा कंपनियों को एक जनवरी 2021 से मानक जीवन बीमा उत्पाद पेश करना अनिवार्य होगा। उन्हें इसके लिए नया प्रीमियम लेनदेन की अनुमति होगी।’’ बाजार में विभिन्न तरह के टर्म उत्पादों को देखते हुए इरडा ने यह मानक उत्पाद तैयार किया है।
मौजूदा योजना आपस में शर्तें इत्यादि को लेकर बहुत अलग-अलग हैं जिससे ग्राहक को एक विवेकपूर्ण निर्णय लेने में दिक्कत आती है। इस बारे में बजाज आलियांज लाइफ के मुख्य वित्त अधिकारी भारत कलसी ने कहा कि इरडा के दिशानिर्देश बाजार और देश की जरूरत के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि हम मानक उत्पाद का स्वागत करते हैं। यह लोगों के बीच बीमा उत्पाद को लेकर जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।
पीएफआरडीए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत वित्त वर्ष के अंत तक ला सकता है गारंटीशुदा उत्पाद
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह चालू वित्त वर्ष के अंत तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सुनिश्चित प्रतिफल वाले उत्पाद को अंतिम रूप दे सकता है। पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा कि न्यूनतम गारंटीशुदा रिटर्न वाले उत्पाद को लेकर पिछले साल बातचीत हुई थी। एनपीएस बाजार से जुड़ा उत्पाद है और इसने पिछले 10 साल में लगभग 10 प्रतिशत प्रतिफल दिया है।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीमा क्षेत्र में जो भी गारंटी वाले उत्पाद थे, उन्हें धीरे-धीरे वापस ले लिया गया। क्योंकि यह महसूस किया गया कि लंबी अवधि तक इसे बनाये रखना संगठनों के लिये व्यवहारिक नहीं है। बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘गारंटीशुदा उत्पाद की पेशकश हमारे कानून का हिस्सा है। हमें यह करना है। जैसे ही आप गारंटी वाला उत्पाद देते हैं, कोष प्रबंधकों के लिये पूंजी पर्याप्तता जरूरत बढ़ जाती है। फिलहाल हम जो कर रहे हैं, उसमें उत्पाद ‘मार्क टू मार्केट’ (बाजार मूल्य पर संपत्ति की कीमत तय करने की प्रक्रिया) आधार पर है। हम निवेश को लेकर कोई जोखिम नहीं ले रहे।’’
उन्होंने कहा कि नियामक जल्दी ही एक समिति गठित करेगा। ‘‘हम इस वित्त वर्ष में उत्पाद तैयार करेंगे और उसे निदेशक मंडल के समक्ष रखेंगे। अगले छह महीने में आपको ऐसे उत्पाद देखने को मिल सकता है लेकिन उसे पेश करने में देरी हो सकती है।’’ इसके अलावा नियामक एक सार्वभौमिक पेंशन योजना पर भी विचार कर रहा है।
बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘हमने सार्वभौमिक पेंशन के बारे में ब्योरा रखा (वित्त मंत्रालय के समक्ष) है... वास्तव में हम यह कोशिश कर रहे हैं कि बड़ी संख्या में लोग पेंशन के दायरे में आयें जो अभी नहीं हो रहा। खासकर छोटे कारोबारियों और असंगठित क्षेत्र के लिये यह जरूरी है, जहां 20 से कम लोग काम करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि क्या हम उन्हें एनपीएस या अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के दायरे में ला सकते हैं।’’