Employees’ Provident Fund Organisation: करोड़ों पीएफ खाताधारकों को चालू वित्त वर्ष में झटका लग सकता है। कोविड के कारण इसका असर आपके ऊपर दिख सकता है। श्रीनगर में 4 मार्च को बैठक है। बैठक में ब्याज दर पर फैसला हो सकता है।
सेवानिवृत्ति कोष प्रबंधन निकाय ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिये भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर की घोषणा चार मार्च को कर सकता है। चार मार्च को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी मंडल की श्रीनगर में बैठक है। कोरोना संकट के दौर में खाताधारकों ने पीएफ से बड़ी रकम की निकासी की है। दूसरी तरफ, बड़ी संख्या में नौकरियां जाने से ईपीएफओ में जमा की जाने वाली रकम भी घटी है।
ब्याज दरों में और कटौती की संभावना
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों में और कटौती की जा सकती है। पिछले वित्त वर्ष में वैसे ही ब्याज दर सात साल के निचले स्तर 8.5 फीसदी पर है। संभावना है कि कोविड महामारी के कारण निकासी अधिक की गई और लोगों ने एडवांस के रूप में पैसे की निकासी की है। खाते में योगदान कम किया है।
पिछले वित्त वर्ष (2019-20) के लिए ईपीएफओ ने 8.5 फीसद ब्याज दर घोषित की थी, जो सात वर्षों का निचला स्तर था। इन सात वर्षों में सबसे ज्यादा ब्याज दर वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 8.8 फीसद थी। अटकलें हैं कि ईपीएफओ इस वित्त वर्ष (2020-21) के लिये भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर घटा सकता है, जो 2019-20 के लिये 8.5 प्रतिशत थी।
14,310.21 करोड़ रुपये की निकासी
ईपीएफओ ने कहा कि कोविड महामारी के बाद 31 दिसंबर 2020 तक 56.79 लाख क्लेम के द्वारा 14,310.21 करोड़ रुपये की रकम एडवांस के रूप में पीएफ खातों से निकाली गई। अप्रैल-दिसंबर के दौरान 73,288 करोड़ रुपये के 197.91 लाख अंतिम निपटान, मृत्यु, बीमा और अग्रिम दावों का निपटान किया गया। कंपनियों के ट्रस्ट ने 3,983 करोड़ रुपये के 4.19 लाख सेटलमेंट किए हैं जो छूट के तहत अपना पीएफ ट्रस्ट चलाती हैं।