EPFO उपभोक्ताओं को मिलेगी बड़ी सहूलियत, नई पॉलिसी में हट जाएंगी मौजूदा सीमाएं
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: July 28, 2018 20:30 IST2018-07-28T20:30:51+5:302018-07-28T20:30:51+5:30
श्रम मंत्रालय ईपीएफओ के लिए एक नई पॉलिसी बना रहा है जो नेशनल पेंशन स्कीन की तर्ज पर होगा।

EPFO उपभोक्ताओं को मिलेगी बड़ी सहूलियत, नई पॉलिसी में हट जाएंगी मौजूदा सीमाएं
नई दिल्ली, 28 जुलाईः प्रॉविडेंट फंड उपभोक्ताओं को जल्द ही सरकार से बड़ी सहूलियत मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रम मंत्रालय एक नई पॉलिसी पर काम कर रहा है जिसमें निवेश पर लगाई गई मौजूदा सीमाएं हट जाएंगी। ऐसा नेशनल पेंशन स्कीम की तर्ज पर किया जाएगा। इससे एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) के पांच करोड़ सब्सक्राइबर्स को ज्यादा रिटर्न हासिल करने के लिए अपने मनमुताबिक इन्वेस्टमेंट पैटर्न चुनने का मौका मिलेगा।
पीएफ ट्रस्ट के लिए छूट के कड़े नियम
संसद की एक समिति ने सरकार से ट्रस्ट के जरिये अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि का प्रबंधन करने को लेकर प्रतिष्ठानों को दी गयी छूट के लिये मजबूत दिशानिर्देश तैयार करने को कहा है। समिति ने ऐसे कोष के दुरुपयोग को रोकने के लिये यह सुझाव दिया है।
श्रम मामलों पर लोकसभा सदस्य किरिट सोमैया की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति ने यह पाया कि 118 प्रतिष्ठानों के पास कुल कोष एक करोड़ रुपये से कम है और अंतिम बार उन्होंने 2014 और 2015 में रिटर्न दाखिल किया था।
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समिति का मानना है कि इन प्रतिष्ठानों ने अपने अंशधारकों को लाभ पहुंचाने के लिये शायद ही कोई कदम उठाया होगा। समिति ने कहा कि कोष के दुरूपयोग को रोकने के लिये कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा शायद ही कोई अनुपालन आडिट किया जाता है। समिति के हस्तक्षेप के बाद आडिट प्रणाली में तेजी आयी है।
रिपोर्ट के अनुसार , ‘‘इसीलिए समिति मानती है कि कुछ छूट प्राप्त प्रतिष्ठान बिना दावे वाली राशि का उपयोग कार्यशील पूंजी के रूप में कर सकते हैं।’’ इसमें कहा गया है , ‘‘समिति चाहती है कि दिशानिर्देश बनाते समय इन आशंकाओं को ध्यान में रखा जाए तथा छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को अवैध गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाने के लिये कड़ा जुर्माना लगाया जा सकता है।’’
PTI Bhasha Inputs
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