टोक्यो: टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतनेके साथ-साथ इतिहास रच दिया। वे ओलंपिक खेलों में एथलेटिक्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं। नीरज चोपड़ा की इस उपलब्धि के बाद उनके कोच रहे जर्मनी के यूवे होन (Uwe Hohn) की भी खूब चर्चा हो रही है।
चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में शनिवार को दूसरी कोशिश में 87.58 मीटर दूर भाला फेंक कर भारत के एथलेटिक्स में मेडल के लिए करीब 100 साल से जारी इंतजार को खत्म किया। इसके साथ ही भारत के लिए व्यक्तिगत प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले अभिनव ब्रिंदा (वर्ष 2008 बीजिंग ओलंपिक) के क्लब में शामिल हो गए।
नीरज चोपड़ा ने भले ही अब जाकर गोल्ड मेडल जीता है लेकिन उनके कोच रहे यूवे होन को शुरू से ये भरोसा था कि हरियाणा के ये एथलीट कोई कमाल करने वाला है। नीरज चोपड़ा पर यूवे होन की छाप साफ नजर आती है, जो खुद भाला फेंक में वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं और पिछले 37 सालों से कोई इसके करीब भी नहीं पहुंचा है।
यूवे होन ने जब बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड
जर्मन एथलीट यूवे होन के नाम 104.80 मीटर की दूसरी तक भाला फेंकने का रिकॉर्ड है। वे दुनिया में एकमात्र ऐसे शख्स भी हैं जिन्होंने 100 मीटर की दूरी से ज्यादा भाला फेंका है। दिलचस्प बात ये भी है कि उन्होंने यह कारनामा 1984 में किया था। वे जब अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ मुकाम पर थे तब ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले सके थे और जो कारनामा उन्होंने किया उसे तोड़ने की बात तो दूर उसके करीब भी कोई एथलीट नहीं पहुंच सका है।
होन ने 20 जुलाई 1984 को बर्लिन में ओलंपिक डे ऑफ एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था। उन्होंने तब 1983 में अमेरिका के टॉम पेंट्रानोफ के 99.72 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 104.80 मीटर तक अपना भाला फेंका था। हालांकि ईस्ट जर्मनी ने तब 1984 के ओलंपिक खेलों का बहिष्कार किया था और वे इसमें हिस्सा नहीं ले सके थे।
हालांकि बाद में भाला फेंक के नियमों में कुछ बदलाव किए गए थे। इसके तहत भाला के बीच के भार को चार सेंटिमीटर तक आगे बढ़ाया गया था। इस नए डिजायन को 1986 में लागू किया गया और फिर भाला फेंकने वाले एथलीटों के लिए इसे बहुत दूर तक फेंकना संभव नहीं रह गया था। नए भाले के डियाजन के साथ चेक गणराज्य के जैन जेलेनी एकमात्र एथलीट हैं जिन्होंने 1996 में 98.48 मीटर तक भाला फेंका था।
भारतीय टीम के तीन साल तक कोच रहे यूवे होन
यूवे होन तीन साल तक भारतीय टीम के कोच रहे थे। उन्होंने इसी साल की शुरुआत में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से कुछ विवाद के बाद देश छोड़ दिया था। हालांकि जाते-जाते वे बता गए थे नीरज चोपड़ा में कुछ ऐसा है जिसे पूरी दुनिया सलाम करेगी।होन अब ऑस्ट्रेलिया टीम को कोचिंग दे रहे हैं।