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CWG 2018: रोचक है 16 साल की मनु भाकर का गोल्डन सफर, केवल दो साल पहले शुरू की थी शूटिंग

By विनीत कुमार | Updated: April 8, 2018 13:02 IST

मनु भाकर का खेलों से हमेशा गहरा नाता रहा है। हालांकि, बाद में उनकी रूची निशानेबाजी में जागी।

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ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में जारी कॉमनवेल्थ गेम्स से रविवार को एक और अच्छी खबर आई जब 16 साल मनु भाकर ने गोल्ड मेडल जीता। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सोने पर निशाना लगाया। उन्होंने फाइनल में कुल 240.9 अंक हासिल किए। कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार ही सही लेकिनल इंटरनेशन इवेंट में यह पहली बार नहीं है जब मनु ने ऐसा कमाल किया है।

हरियाणा के झज्जर जिले की गोरिया गांव की रहने वाली 16 साल की मनु भाकर ने पिछले महीने भी मेक्सिको में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में दो गोल्ड जीतकर सनसनी मचाई थी।

दो साल पहले शुरू की थी शूटिंग

मुक्केबाजी, स्केटिंग, कबड्डी, कराटे और टेनिस जैसे खेलों तक पर पकड़ रखने वाली मनु ने केवल दो साल पहले ही शूटिंग में करियर शुरू किया था। मनु की मां सुमेधा एक स्कूल में प्रीसिंपल हैं जबकि पिता रामकिशन भाकर मरीन इंजीनियर हैं। मनु का चयन पिछले ही साल दिल्ली नेशनल कैंप के लिए हुआ और इसके बाद से वह भारत के दिग्गज शूटर जसपाल राणा से शूटिंग के गुर सीखने शुरू किए। (और पढ़ें- CWG 2018: बनारस की पूनम यादव ने किया कमाल, गरीबी को मात देते हुए बनीं 'गोल्डन गर्ल')

स्कूल में मनु की निशानेबाजी देख टीचर रह गए थे दंग

मनु का खेलों से हमेशा गहरा नाता रहा है। हालांकि, बाद में उनकी रूची निशानेबाजी में जागी। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अपने स्कूल में शूटिंग रेंज में उन्होंने पहली बार इसमें हाथ आजमाया और एक इवेंट में हिस्सा लिया। उनका सटीक निशाना देख स्कूल के टीचर दंग रह गए। इसके बाद वह कुछ और अभ्यास के साथ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगीं।

बेटी के करियर के लिए पापा ने छोड़ दी नौकरी!

मनु बालिग नहीं हैं और इसलिए उन्हें शूटिंग इवेंट में जाने में खासी दिक्कत होती थी क्योंकि वे ड्राइव नहीं कर सकती। यही नहीं, लाइसेंसी पिस्टल के साथ वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी सहारा नहीं ले सकती थी। बाद में पिता ने नौकरी छोड़ बेटी के साथ हर इवेंट में जाने का फैसला किया। (और पढ़ें- शूटिंग में भारत ने जीते 3 मेडल, मनु ने गोल्ड, हिना ने सिल्वर, रवि ने जीता ब्रॉन्ज)

टांग टा और कराटे में भी जीत चुकी हैं मेडल

मनु के पिता के अनुसार मनु स्केटिंग में राज्य स्तरीय चैम्पियन रही हैं। साथ ही उन्होंने एथलेटिक्स में भी मेडल जीते हैं। यही नहीं, डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली मनु टांग टा और कराटे जैसे खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल तक जीत चुकी हैं। मनु की इसी प्रतिभा के कारण उनके स्कूल के दोस्त उन्हें ऑलराउंडर कह कर पुकारते हैं। (और पढ़ें- CWG 2018: पूनम यादव ने दिलाया भारत को वेटलिफ्टिंग में पांचवां गोल्ड मेडल)

टॅग्स :कॉमनवेल्थ गेम्सनिशानेबाजी
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