WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह ने साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के फैसले पर दिया बयान, बोले- "जो एथलीट हैं उन्होंने..."
By रुस्तम राणा | Published: December 23, 2023 06:25 PM2023-12-23T18:25:18+5:302023-12-23T18:27:13+5:30
बृजभूषण शरण सिंह से अपनी नजदीकियों पर संजय सिंह ने कहा, ''सांसद से नजदीकी रखना क्या गुनाह है? मैं हमेशा पदों पर रहा हूं और इसका सांसद से कोई लेना-देना नहीं है।''
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने शनिवार को साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने की घोषणा और बजरंग पुनिया के पद्मश्री लौटाने के फैसले पर टिप्पणी की। सिंह ने कहा कि जो लोग राजनीति में आना चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। जो एथलीट हैं उन्होंने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह से अपनी नजदीकियों पर संजय सिंह ने कहा, ''सांसद से नजदीकी रखना क्या गुनाह है? मैं हमेशा पदों पर रहा हूं और इसका सांसद से कोई लेना-देना नहीं है।''
बृजभूषण के करीबी सहयोगी संजय सिंह को कुश्ती महासंघ का प्रमुख चुने जाने के के बाद साक्षी मलिक द्वारा कुश्ती छोड़ने की घोषणा के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। देश की शीर्ष पहलवानों ने बृज भूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और पहलवानों के विरोध के बाद लंबे समय तक भाजपा सांसद रहे बृज भूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। संजय सिंह के इस पद पर चुने जाने के बाद बृजभूषण ने कहा कि फेडरेशन पर उनका दबदबा पहले की तरह जारी रहेगा।
बजरंग पुनिया ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह संजय सिंह के चुनाव के विरोध में पद्मश्री में वापसी करेंगे। शनिवार को डेफलिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता वीरेंद्र सिंह यादव, जिन्हें गूंगा पहलवान के नाम से जाना जाता है, ने घोषणा की कि वह भी अपना पद्म श्री सरकार को लौटा देंगे। वीरेंद्र ने एक्स पर लिखा, "मैं अपनी बहन और देश की बेटी के लिए पद्मश्री भी लौटा दूंगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, मुझे आपकी बेटी और मेरी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है।"
कांग्रेस नेताओं ने एक बार फिर प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन किया और इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। खेल मंत्रालय ने कहा कि पद्मश्री लौटाने का फैसला बजरंग पुनिया का था, लेकिन उन्हें इसे पलटने के लिए मनाया जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "डब्ल्यूएफआई चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए।"
बृज भूषण ने शनिवार को कहा कि कुछ मुद्दों के कारण पिछले 11 महीनों से देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिताएं रुकी हुई थीं। पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा, "अगर ये टूर्नामेंट 31 दिसंबर से पहले आयोजित नहीं किए गए तो पहलवानों का एक साल बर्बाद हो जाएगा।"