लाइव न्यूज़ :

भारतीय राइफल संघ ने पीएम मोदी से की ये खास अपील, कहा- 2022 राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को हटाने का मुद्दा उठाएं

By भाषा | Updated: August 22, 2019 20:36 IST

राष्ट्रमंडल इंग्लैंड के प्रतिनिधियों की मौजूदगी वाले समीक्षा पैनल की सिफारिश के बाद निशानेबाजी को 2022 राष्ट्रमंडल खेलों से हटाने का फैसला किया।

Open in App
ठळक मुद्देभारतीय ओलंपिक संघ ने निशानेबाजी को दोबारा शामिल नहीं करने पर राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार की धमकी तक दे डाली।निशानेबाजी 1966 के अलावा प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रहा है लेकिन यह इन खेलों के कोर खेलों को हिस्सा नहीं है।

नई दिल्ली, 22 अगस्त। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीनिशानेबाजी को 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर करने का मुद्दा अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के साथ उठाए। भारत के निशानेबाजी संघ ने जोर देते हुए कहा कि निशानेबाजी को बाहर करना पूरे उप महाद्वीप के लिए खेल को पीछे ले जाने वाला कदम है।

एनआरएआई अध्यक्ष रानिंदर सिंह ने मोदी ने अपील की कि वह खेल को दोबारा राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल करने का मुद्दा जानसन के साथ उठाएं। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के कार्यकारी बोर्ड ने राज्य और केंद्र सरकार के अलावा आयोजन समिति और राष्ट्रमंडल इंग्लैंड के प्रतिनिधियों की मौजूदगी वाले समीक्षा पैनल की सिफारिश के बाद निशानेबाजी को 2022 राष्ट्रमंडल खेलों से हटाने का फैसला किया।

इस कदम की भारत में काफी आलोचना हुई और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने खेल को दोबारा शामिल नहीं करने पर राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार की धमकी तक दे डाली। निशानेबाजी 1966 के अलावा प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रहा है लेकिन यह इन खेलों के कोर खेलों को हिस्सा नहीं है। गुरुवार को पेश किए गए विश्लेषण दस्तावेजों में एनआरएआई प्रमुख ने पिछले साल की तरह बहिष्कार की मांग नहीं की, लेकिन मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे को उठाएं।

रानिंदर ने कहा, ‘‘हम एक बार फिर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ देख रहे हैं कि वे यह मुद्दा जितना जल्दी संभव हो ब्रिटेन के अपने समकक्ष बोरिस जानसन के साथ द्विपक्षीय तौर पर उठाएं। ’’ रानिंदर ने कहा कि मोदी ने इसी तरह की पहल की थी जब राज्यवर्धन सिंह राठौड़ खेल मंत्री थे।

उन्होंने कहा, ‘‘आपने लंदन दौरे के दौरान द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान यह मुद्दा उठाया था और तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री (टेरेसा मे) इस मामले पर गौर करने के लिए राजी हो गईं थी।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि आईओए और खेल मंत्रालय को भी अपने समकक्षों के साथ खेल को दोबारा शामिल कराने का मुद्दा उठाना चाहिए। रानिंदर ने कहा कि निशानेबाजी को हटाने का भारत ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों बांग्लादेश और श्रीलंका पर भी बड़ा असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को ऐसी स्थिति में 24 से 27 प्रतिशत पदक गंवाने होंगे जो वह अन्यथा जीतता। श्रीलंका पर भी दीर्घकाल में इसका असर (15 प्रतिशत) पड़ेगा। निशानेबाजी के बिना बांग्लादेश अपने शत प्रतिशत पदक गंवा देगा।’’

टॅग्स :कॉमनवेल्थ गेम्सनिशानेबाजीनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!