लाइव न्यूज़ :

जिंदगी में कभी भी एक ही समय में इतना खुश और इतना निराश नहीं हुआ: सुहास

By भाषा | Updated: September 5, 2021 13:02 IST

Open in App

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और नौकरशाह सुहास यथिराज ने पैरालंपिक खेलों में रजत पदक जीतने के बाद कहा कि पहली बार उनकी जिंदगी में इस तरह की मिश्रित भावनायें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि जिंदगी में पहली बार एक ही समय उन्हें इतनी खुशी हो रही है और साथ ही निराशा भी। नोएडा के 38 वर्षीय जिलाधिकारी सुहास रविवार को तोक्यो पैरालंपिक की पुरूष एकल एसएल4 क्लास बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में शीर्ष वरीय फ्रांस के लुकास माजूर से 21-15 17-21 15-21 से हार गये जिससे उन्होंने रजत पदक से अपना अभियान समाप्त किया। भारतीय पैरालंपिक समिति द्वारा पोस्ट किये गये वीडियो संदेश में उन्होंने मैच जीतने के बाद कहा, ‘‘बहुत ही भावुक क्षण है। मैंने कभी भी एक साथ इतनी खुशी और इतनी निराशा कभी महसूस नहीं की। खुश इसलिये हूं कि रजत पदक जीता लेकिन निराश इसलिये हूं क्योंकि मैं स्वर्ण पदक से करीब से चूक गया। ’’ सुहास को एक टखने में विकार है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भाग्य वही देता है जिसका मैं हकदार हूं और शायद मैं रजत पदक का हकदार था इसलिये मैं कम से कम इसके लिये खुश हूं। ’’ उन्होंने कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि योयोगी नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रगान बजेगा लेकिन उनके हाथों से स्वर्ण पदक फिसल गया और ऐसा नहीं हुआ। एसएल4 क्लास एकल के दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘हां, आप यही कामना करते हो, आप इसके लिये ही ट्रेनिंग लेते हो, आप इसकी ही उम्मीद और सपना देखते हो। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा कि मैं कभी इतना निराश और इतना खुश नहीं हुआ था। इतना करीब आकर, फिर भी इतनी दूर लेकिन पैरालंपिक में पदक जीतना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। मैंने पिछले कुछ दिनों में जो प्रदर्शन किया है, उससे मुझे गर्व है। ’’ रविवार को वह पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी बन गये। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी खिलाड़ी के लिये ओलंपिक या पैरालंपिक में पदक से ज्यादा कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है, इसलिये यह मेरे लिये दुनिया का सबसे बड़ा पदक है। ’’ कर्नाटक के हसन में जन्में सुहास ने अपने पिता के साथ काफी यात्रा की है क्योंकि वह सरकारी अधिकारी थे जिससे उनका अलग अलग जगह ट्रांसफर होता रहता था। सुहास ने कहा, ‘‘मैं अपने दिवंगत पिता की वजह से ही यहां पर हूं और यह पदक जीता है। और भी कई लोगों की शुभकामनाओं की वजह से मैं यहां पर हूं जिसके लिये मैं उनका धन्यवाद करता हूं क्योंकि उनकी वजह से ही मैं इस बड़े मंच पर अच्छा कर सका। मैं बहुत खुश हूं, यह गर्व का क्षण है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndia At Paris Paralympics 2024 Day 4: अवनी लेखरा का आज 10 मीटर राइफल मिक्स्ड मैच, सेमीफाइनल में IAS सुहास, जानिए पूरा शेड्यूल

अन्य खेलPara Shooting World Cup 2022: रुबीना फ्रांसिस और मनीष नरवाल ने चीनी टीम को हराकर स्वर्ण पदक जीता, पीएम मोदी ने दी बधाई

अन्य खेलटोक्यो पैरालंपिक में देश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों से मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शेयर की खास तस्वीरें

भारतरात नौ बजे के मुख्य समाचार

भारतभारतीय खेलों के इतिहास में तोक्यो पैरालंपिक का हमेशा विशेष स्थान रहेगा: प्रधानमंत्री मोदी

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!