घुड़सवारी में 20 साल बाद भारत को ओलंपिक कोटा दिलाने वाले फवाद के प्रदर्शन पर होंगी नजरें

By भाषा | Updated: July 16, 2021 14:45 IST2021-07-16T14:45:08+5:302021-07-16T14:45:08+5:30

Eyes will be on the performance of Fawad, who got India an Olympic quota after 20 years in horse riding | घुड़सवारी में 20 साल बाद भारत को ओलंपिक कोटा दिलाने वाले फवाद के प्रदर्शन पर होंगी नजरें

घुड़सवारी में 20 साल बाद भारत को ओलंपिक कोटा दिलाने वाले फवाद के प्रदर्शन पर होंगी नजरें

... अमित आनंद...

नयी दिल्ली, 16 जुलाई ओलंपिक घुड़सवारी में भारत की उम्मीदें फवाद मिर्जा पर टिकी है जिन्होंने पिछले एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के बाद खेलों के इस महासमर के लिए क्वालीफाई करके 20 साल बाद भारत की नुमाइंदगी पक्की की ।

फवाद ने ‘इवेंटिंग’ स्पर्धा में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है जिसे घुड़सवारी ट्रायथलॉन के तौर पर जाना जाता है। इसमें प्रतियोगी को ‘जंपिंग’, ‘ड्रेसेज’ और ‘क्रॉस कंट्री’ में अश्वारोहण कौशल दिखाना होता है।

ओलंपिक ‘इवेंटिंग’ में पैंसठ खिलाड़ी और घोड़ों का संयोजन भाग लेता है। इसमें टीम और व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा का आयोजन एक साथ ही होता है।

फवाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे भारतीय घुड़सवार है। उन से पहले इंद्रजीत लांबा (1996, अटलांटा) और इम्तियाज अनीस (2000, सिडनी) भी ओलंपिक ‘इवेंटिंग’ में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके है।

लांबा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय व्यक्तिगत घुड़सवार थे। वह हालांकि अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे थे। ‘इवेंटिंग’ के क्रॉस-कंट्री चरण के दौरान एक बाड़ के पार करते समय वह नीचे गिर गये थे और जिससे तीन दिनों तक चले इस खेल में उन्हें रैंकिंग नहीं दी गयी। वह ड्रेसेज चरण में 35वें स्थान पर रहे थे।

अनीस ने 2000 सिडनी ओलंपिक में ‘इवेंटिंग’ के तीनों चरण को सफलतापूर्वक पार किया और दुनियाभर के दिग्गजों के बीच वह 23वें स्थान पर रहे थे। ओलंपिक में यह अब तक भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इन दोनों घुड़सवारों का संबंध सेना से था। भारत में इन खेलों में सेना का प्रभाव है लेकिन 29 साल के फवाद का संबंध सेना से नहीं है। फवाद को हालांकि इस साल अप्रैल से टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) का लाभ मिल रहा है लेकिन तब तक उन्होंने इन खेलों के लिए अपनी जगह लगभग पक्की कर ली थी।

उन्होंने क्वालिफायर में व्यक्तिगत इवेंट श्रेणी में दक्षिण पूर्व एशिया, ओशिनिया के लिए ग्रुप जी में सर्वोच्च स्थान हासिल करने के बाद 2019 में तोक्यो 2020 कोटा सुनिश्चित किया था, लेकिन आधिकारिक तौर पर क्वालीफाई करने के लिए उन्हें न्यूनतम पात्रता आवश्यकता (एमईआर) मानदंडों को पूरा करने के लिए इंतजार करना पड़ा।

फवाद ने 30 मई को पोलैंड में आयोजित प्रतियोगिता में अपने दोनों घोडों (‘सिग्नूर मेडिकॉट’ और ‘दजारा 4’) के साथ इसे हासिल कर लिया।

उन्होंने ओलंपिक के लिए ‘दजारा 4’ को चुना है। फवाद ने इसके चयन के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ मेरे लिए दोनों में से किसी एक का चयन करना मुश्किल फैसला था। क्रॉस कंट्री में 'सिग्नूर मेडिकॉट' का प्रदर्शन अच्छा था लेकिन ओलंपिक में दो दौर शो जंपिंग के होंगे जिसमें ‘दजारा 4’ काफी बेहतर है।’’

फवाद 2018 में उस समय सुर्खियों में आये जब उन्होंने एशियाई खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक जीता था। उनके शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम (फवाद, राकेश कुमार, आशीष मलिक और जितेंद्र सिंह) ने भी रजत पदक हासिल किया था। वह 1982 के बाद से घुड़सवारी स्पर्धा में एशियाई खेलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। इससे पहले रघुबीर सिंह ने नयी दिल्ली में 1982 के एशियाई खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था।

ओलंपिक में पदक को सपने को पूरा करने के लिए अर्जुन पुरस्कार विजेता फवाद पिछले काफी समय से जर्मनी के बर्गडॉर्फ में घुड़सवारी दिग्गज सैंड्रा औफार्थ की देखरेख में अभ्यास कर रहे है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ओलंपिक का टलना मेरी तैयारियों के लिए अच्छा रहा। जर्मनी में अभ्यास का अच्छा मौका मिला और इस दौरान नये घोड़े ‘दजारा 4’ के साथ सामंजस्य और बेहतर हुआ।’’

वह इस खेलों के लिए 21 जुलाई को तोक्यो पहुंचेंगे, जहां उनकी स्पर्धा का आयोजन 30 जुलाई से शुरू होगा।

ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास काफी पुराना रहा है। इसे साल 1900 में पेरिस में आयोजित खेलों में प्रदर्शनी के तौर पर शामिल किया गया था। इसका आधिकारिक आगाज स्टॉकहोम 1912 में हुआ। जिसके बाद से यह इन खेलों का हिस्सा लगातार बना रहा है।

ओलंपिक घुड़सवारी में जर्मनी का दबदबा रहा है जिसने इसमें सबसे अधिक 26 स्वर्ण जीते है। स्वीडन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने भी इसमें अच्छा प्रदर्शन किया है।

भारत की नजरें ओलंपिक में फवाद के प्रदर्शन पर होगी। देश में घुड़सवारी खेलों का भविष्य एक हद तक उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।

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