Blog: कॉमनवेल्थ में देश का नाम हुआ रौशन, ये उड़ान पंखों की नहीं हौसलों की है...
By सुमित राय | Published: April 15, 2018 06:21 PM2018-04-15T18:21:41+5:302018-04-15T18:21:41+5:30
भारत ने इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स का समापन 66 मेडल जीतते हुए शानदार अंदाज में किया और पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा।
21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के अंतिम दिन इंडियन प्लेयर्स ने शानदार सफलता अर्जित करते हुए कुल सात पदक जीते। सायना ने देश को 26वां गोल्ड मेडल दिलाया। इसके साथ ही भारत ने इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स का समापन 66 मेडल जीतते हुए शानदार अंदाज में किया। भारत 66 मेडल जीतते हुए पदक तालिका में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे स्थान पर रहा। भारत ने इस बार के कॉमनवेल्थ में 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज समेत कुल 66 मेडल जीते।
भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में सबसे ज्यादा 16 मेडल शूटिंग में जीते। शूटिंग के बाद भारत ने सबसे ज्यादा 12 मेडल रेसलिंग में जीते। भारत ने बॉक्सिंग और वेटलिफ्टिंग से 9-9 मेडल हासिल किए। टेबल टेनिस में भी भारत ने कमाल करते हुए तीन गोल्ड समेत कुल आठ मेडल अपने नाम किए। भारत ने इस साल में बैडमिंटन में 2 गोल्ड समेत 6 मेडल जीते। इनमें 2 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल जीता। टीम इवेंट के अलावा साइना नेहवाल ने गोल्ड मेडल जीता। सिंधु और किदांबी श्रीकांत ने सिल्वर मेडल जीते जबकि महिला डबल्स और पुरुष डबल्स में ब्रॉन्ज मिले। नीरज चोपड़ा ने जैलविन थ्रो में 86.47 मीटर दूरी तक जैवलिन फेंककर गोल्ड मेडल जीता। वह कॉमनवेल्थ गेम्स में जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बन गए।
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ भारत में आईपीएल का भी आयोजन हो रहा है, लेकिन क्रिकेट की दुनिया से बाहर आकर हम अन्य खेलों की की बात कर रहे हैं। वक्त-बेवक्त या यूं कहें कि हर वक्त क्रिकेट से बाकी खेलों की तुलना करना ठीक भी नहीं है। फिलहाल इंडिया के लिए ये अच्छी खबर है कि इस बार भारत ने 26 गोल्ड मेडल जीते, जो गोल्ड की संख्या के लिहाज से भी भारत का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों ने 2010 के कॉमनवेल्थ में 38 गोल्ड और 2002 के कॉमनवेल्थ में 30 गोल्ड जीते थे।
देशवासियों का प्यार आज क्रिकेट के साथ अन्य खेलों को भी जमकर मिल रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि इन खेलों की दुनिया में भारत का झंडा साइना नेहवाल, मीराबाई चानू, संजीता चानू, अनीश भानवाल, नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, सुमित मलिक, विनेश फोगाट, गौरव सोलंकी, बजरंग पूनिया, विकास कृष्णन, संजीव राजपूत, मनिका बत्रा, सुशील कुमार, मैरी कॉम, संजीव राजपूत जैसे कई खिलाड़ी नए सितारे बनकर उभरे हैं। इस वक्त भारतीय खिलाड़ियों की कामयाबी पर दुनिया भर की नजर है।
इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में बड़े-बड़े टूर्नामेंट्स में ना सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों ने उलटफेर किया किया बल्कि 'पोडियम' पर खड़े होकर देश का मान भी बढ़ाया। अच्छी बात ये है कि हर चैंपियनशिप में कोई नया स्टार देश को गर्व के लम्हें दे रहा है। ऐसे में अब लोगों के दिल क्रिकेट के साथ अन्य खेलों के लिए भी धड़कने लगा है। लेकिन जिस तरह से क्रिकेट में कोई भी मैच जीतने पर लोग खुशी के सड़कों पर उतरते है वो नजारा हमको अब अन्य खेलों के जरिए अभी देखना बाकी है।
आज बड़े हो या छोटे हर कोई इन खिलाड़ियों की ओर मोहित हो रहे हैं और उनको खिलाड़ियों के नाम व उनकी उपलब्धियां पता चल रही हैं। इसका एक रूप विज्ञापनों में भी जमकर देखने को मिल रहा है। कई अहम विज्ञापनों में इन खिलाड़ियों को ब्रैंड एम्बेसडर के तौर पर लिया जा रहा है। ऐसे में अब भी सवालों में उलझते हुए सवाल है कि तेजी से लोगों के दिलों में घर करने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के सितारे कितना और कब तक बुलंद होते हैं।
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