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Commonwealth Games 2022: जरीन, पंघाल और गंघास ने जीते स्वर्ण, तीनों खिलाड़ियों ने फाइनल में 5-0 से जीत दर्ज की, यहां देखें आंकड़े

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 7, 2022 20:27 IST

Commonwealth Games 2022: 26 साल की निकहत जरीन ने लाइट फ्लाईवेट (48-50 किग्रा) स्पर्धा में उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनॉल पर एकतरफा फाइनल में 5-0 से जीत दर्ज की।

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ठळक मुद्देसुपर संडे के साथ गोल्डन हैट्रिक पूरी की।तीनों खिलाड़ियों ने गोल्ड के साथ विपक्षी खिलाड़ियों को 5-0 से हराया। नीतू गंघास ने पदार्पण में ही दबदबा बनाते हुए स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले।

Commonwealth Games 2022: मौजूदा विश्व चैम्पियन निकहत जरीन, स्टार मुक्केबाज अमित पंघाल और नीतू गंघास ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किए। तीनों खिलाड़ियों ने गोल्ड के साथ विपक्षी खिलाड़ियों को 5-0 से हराया। सुपर संडे के साथ गोल्डन हैट्रिक पूरी की।

शानदार फॉर्म में चल रही 26 साल की निकहत ने लाइट फ्लाईवेट (48-50 किग्रा) स्पर्धा में उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनॉल पर एकतरफा फाइनल में 5-0 से जीत दर्ज की। पंघाल ने पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में मिली हार का बदला चुकता करते हुए पुरुष फ्लाईवेट वर्ग में जबकि नीतू गंघास ने पदार्पण में ही दबदबा बनाते हुए स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले।

पंघाल (48-51 किग्रा) को चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में इंग्लैंड के ही एक प्रतिद्वंद्वी से इसी चरण में हार मिली थी लेकिन इस बार 26 साल के मुक्केबाज ने अपनी आक्रामकता के बूते घरेलू प्रबल दावेदार मैकडोनल्ड कियारान को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

रिंग में उतरी नीतू ने महिलाओं के मिनिममवेट (45-48 किग्रा) वर्ग के फाइनल में विश्व चैम्पियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता रेस्जटान डेमी जेड को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया। राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण में ही नीतू ने गजब का आत्मविश्वास दिखाया और फाइनल में भी वह इसी अंदाज में खेली जैसे पिछले मुकाबलों में खेली थीं।

मेजबान देश की प्रबल दावेदार के खिलाफ मुकाबले का माहौल 21 साल की भारतीय मुक्केबाज को भयभीत कर सकता था लेकिन वह इससे परेशान नहीं हुईं। नीतू अपनी प्रतिद्वंद्वी से थोड़ी लंबी थीं जिसका उन्हें फायदा मिला, उन्होंने विपक्षी के मुक्कों से बचने के लिये पैरों का अच्छा इस्तेमाल किया।

उन्होंने पूरे नौ मिनट तक मुकाबले के तीनों राउंड में नियंत्रण बनाये रखा और विपक्षी मुक्केबाज के मुंह पर दमदार मुक्के जड़ना जारी रखते हुए उसे कहीं भी कोई मौका नहीं दिया। नीतू ने तेज तर्रार, ‘लंबी रेंज’ के सटीक मुक्कों से प्रतिद्वंद्वी को चारों खाने चित्त कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। मुझे सांस भी नहीं आ रहा।’’ उनके पिता हरियाणा विधानसभा में कर्मचारी हैं। भारत के मुक्केबाजी में ‘मिनी क्यूबा’ कहलाये जाने वाले भिवानी की नीतू ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता मेरी प्रेरणा रहे हैं और मेरा स्वर्ण पदक उनके लिये ही है। ’’ 

टॅग्स :कॉमनवेल्थ गेम्सBoxer Amit PanghalBoxing Federation of India
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