बेलग्रेड, दो नवंबर अपनी निजी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना करने वाले आकाश कुमार (54 किग्रा) ने एआईबीए विश्व पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप में मंगलवार को यहां वेनेजुएला के पूर्व ओलंपिक रजत पदक विजेता योएल फिनोल रिवास पर शानदार जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंच कर भारत का पहला पदक पक्का किया।
मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन, 21 साल के इस मुक्केबाज ने विरोधी खिलाड़ी को शानदार पंच जड़ने के साथ दमदार जज्बा दिखाते हुए 5-0 की उत्कृष्ट जीत दर्ज की।
लेकिन नरेंदर बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) प्रतियोगिता से बाहर हो गये। उन्हें अजरबेजान के मोहम्मद अब्दुल्लायेव ने आसानी से 5-0 से हराया।
बेखौफ होकर रिंग में उतरे सेना के मुक्केबाज आकाश ने ने वेनेजुएला के खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने अपनी फुर्ती और तेजतर्रार मुक्कों से रिवास को आश्चर्यचकित कर दिया।
आकाश ने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मेरी रणनीति शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाने की थी। मैंने हमलावर तेवर अपनाये और पहले राउंड में बढ़त बनायी। दूसरे राउंड में मैंने अच्छा बचाव भी किया।’’
पुणे स्थित सेना खेल संस्थान से राष्ट्रीय पहचान बनाने वाले आकाश की मां का सितंबर में फेफड़े के कैंसर से निधन हो गया था। जब उनकी मां का निधन हुआ , उस समय वह राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में चुनौती पेश कर रहे थे और उन्हें टूर्नामेंट खत्म होने के बाद इसकी जानकारी दी गयी।
उनके पिता की मृत्यु एक दशक से भी अधिक समय पहले हुई है जबकि उनका छोटा भाई 2017 से हत्या के मामले में जेल में है।
आकाश ने कहा, ‘‘मैं यह पदक अपनी स्वर्गीय मां और पिताजी तथा अपने प्रशिक्षकों को समर्पित करता हूं। मैं पहली बार इस तरह के बड़े टूर्नामेंट में खेल रहा हूं और मुझे गर्व है कि मैंने इसमें अच्छा प्रदर्शन किया। ’’
आकाश मंगलवार को विश्व चैंपियनशिप पदक हासिल करने वाले सातवें भारतीय पुरुष मुक्केबाज बने। इससे उन्होंने अपने लिये कम से कम 25 हजार डॉलर की पुरस्कार राशि भी अपने नाम पर पक्की की।
रिवास ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक जीता था लेकिन डोपिंग के एक मामले के बाद उन्हें बाद में रजत पदक दिया गया था।
फाइनल में पहुंचने के लिए आकाश को 19 साल के मखमुद सबिरखान से भिड़ना होगा। कजाकिस्तान का यह मुक्केबाज युवा स्तर पर तीन बार एशियाई स्वर्ण पदक विजेता रहा है।
शाम को पांच बार के एशियाई पदक विजेता शिव थापा (63 . 5 किलो) का भी क्वार्टर फाइनल मैच है। वह विश्व चैम्पियनशिप में दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बनने से एक जीत दूर हैं ।
असम के 27 वर्षीय थापा ने 2015 में दोहा में हुई विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था ।
उनके अलावा तीन और भारतीय मुक्केबाज अंतिम-आठ में चुनौती पेश करेंगे। निशांत देव (71 किलो) की टक्कर रूस के वादिम मुसाएव से और एशियाई चैम्पियन संजीत (92 किलो) का सामना इटली के अजीज अब्बेस एम से होगा ।
इस टूर्नामेंट के स्वर्ण पदक विजेता को एक लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी। रजत पदक विजेता को 50 हजार डॉलर जबकि दोनों कांस्य पदक विजेताओं में प्रत्येक को 25 हजार डॉलर मिलेंगे। टूर्नामेंट की कुल इनामी राशि 26 लाख डॉलर है।
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