अरुणा बुडा रेड्डी जिमनास्टिक्स वर्ल्ड कप में कोई मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। उन्होंने मेलबर्न में आयोजित जिमनास्टिक्स वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। भारत की 22 साल की अरुणा ने इस प्रतियोगिता में अपने वॉल्ट में 13.649 अंक हासिल कर तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं, भारत की ही प्रनाती नायक ने इसी स्पर्धा में 13.416 स्कोर के साथ छठा स्थान हासिल किया।
स्लोवानिया की जासा किसलेफ ने स्पर्धा का गोल्ड का गोल्ड जीता जबकि सिल्वर मेडल ऑस्ट्रेलिया की एमिली वाइटहेड ने अपने नाम किया।
पूर्व में ब्लैक बेल्ट और कराटे ट्रेनर रहीं अरुणा ने 2005 में अपना पहला राष्ट्रीय मेडल जीता। इसके बाद से उन्होंने जिमनास्ट को अपने करियर के तौर पर लेने का फैसला किया। अरुणा को इससे पहले 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में क्वालीफिकेशन राउंड में 14वें स्थान से संतोष करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने एशियन गेम्स में नौवां और फिर 2017 में एशियन चैम्पियनशिप में वॉल्ट में छठा स्थान हासिल किया।
बताते चलें कि भारतीय जिमनास्ट उस समय चर्चा में आए जब 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में आशीष कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह पहली था जब भारत को इस स्पर्धा से कोई मेडल मिला। इसके बाद रियो ओलंपिक में दीपा कर्माकर ने भी अपने प्रदर्शन से खूब चर्चा बटोरी। हालांकि, फाइनल में वह चौथे स्थान पर रहीं और कोई पदक नहीं जीत सकीं। वह तब 52 साल बाद ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली कोई भारतीय जिमनास्ट बनी थीं।