Archery World Cup 2023: भारतीय तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेनम ने कमाल कर दिया। आज दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। तुर्किये में विश्व कप चरण एक में कंपाउंड वर्ग में व्यक्तिगत स्वर्ण जीता। इससे पहले कंपाउंड मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीतकर भारत का खाता खोला था।
फाइनल में 150 में से शानदार 149 रन बनाकर कोलंबियाई लीजेंड सारा लोपेज को हराया। यह ज्योति का पहला व्यक्तिगत विश्व कप चरण का स्वर्ण है। विश्व चैंपियनशिप की पूर्व रजत पदक विजेता ज्योति सुरेखा वेनम ने शनिवार को यहां तीरंदाजी विश्व कप चरण एक के महिला कंपाउंड वर्ग में व्यक्तिगत स्वर्ण जीता।
ज्योति ने कोलंबिया की पूर्व विश्व चैंपियन सारा लोपेज को 149-146 से हराकर टूर्नामेंट का दूसरा स्वर्ण जीता। ज्योति और पदार्पण कर रहे उनकी जोड़ीदार ओजस देवताले ने इससे पहले चीनी ताइपे की टीम को 159-154 से हराकर कंपाउंड मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीतकर भारत का खाता खोला था।
ज्योति ने इस जीत से विश्व चैंपियनशिप फाइनल में इस कोलंबियाई प्रतिद्वंद्वी से मिली हार का बदला भी ले लिया। विश्व चैम्पियनशिप (यैंकटन 2021) में भारतीय खिलाड़ी को 144-146 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। फाइनल मुकाबले के पहले दौर में दोनों तीरंदाजों ने सटीक निशाने के साथ 30-30 अंक बनाये।
भारतीय तीरंदाज ने हालांकि दूसरे दौर में भी 30 अंक के साथ शानदार प्रदर्शन जारी रखा जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी 29 अंक ही जुटा सकी। क्वालीफिकेशन में विश्व रिकॉर्ड के बराबरी के साथ शीर्ष पर रहने वाली ज्योति ने चौथे छोर पर तीन और 10 अंक वाले निशाने लगाये और अपनी बढ़त को 119-117 कर लिया।
इस दौर में भी सारा ने एक निशाना नौ अंक का लगाया था। ज्योति ने इससे पहले सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर एक ब्रिटेन की एला गिब्सन को कड़े मुकाबले में 148-146 से हराया था।ज्योति सुरेखा वेनम और उनकी जोड़ीदार ओजस देवताले ने शनिवार को यहां चीनी ताइपे की टीम को 159-154 से हराकर विश्वकप तीरंदाजी के पहले चरण में कंपाउंड मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीतकर भारत का खाता खोला।
भारत का यह मिश्रित कंपाउंड स्पर्धा में विश्व कप में दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले ज्योति और अभिषेक वर्मा ने पेरिस में 2022 में विश्वकप के तीसरे चरण में स्वर्ण पदक जीता था। राष्ट्रीय ट्रायल्स में टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे वर्मा की अनुपस्थिति के बावजूद भारतीय जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया तथा 16 निशानों में से 15 निशाने सही लगाकर अपनी 12वीं वरीयता प्राप्त प्रतिद्वंदी टीम को एकतरफा फाइनल में आसानी से हराया।
ज्योति और 20 वर्षीय देवताले की दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने केवल एक अंक गवाया नहीं तो स्कोर 160 में से 160 होता। ज्योति और देवताले ने लगातार ‘परफेक्ट 10’ का स्कोर बनाया और जल्द ही 120-116 से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद भी उन्होंने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखकर आसानी से पहला स्थान हासिल किया।