एशियाई चैंपियन अमित पंघाल ने 52 किलोग्राम भार वर्ग के विश्व पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के साथ ही इतिहास रच दिया और वो इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए। अमित ने कजाखस्तान के साकेन बिबोसिनोव को 52 किलोग्राम फ्लाईवेट वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में 3-2 से हराया।
टूर्नामेंट में दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी अमित पंघाल का सामना अब फाइनल में शनिवार को उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से होगा, जिन्होंने फ्रांस के बिलाल बेनामा को दूसरे सेमीफाइनल में हराकर फाइनल तक का सफर तय किया है।
वहीं अमित पंघाल के अलावा सेमीफाइनल में पहुंचे भारत के अन्य मुक्केबाज मनीष कौशिक को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। मनीष को 63 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में क्यूबा के मुक्केबाज एंडी गोम्ज ने 5-0 के अंतर से हराया और फाइनल में जगह बनाई।
अमित ने इससे पहले साल 2018 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। हरियाणा के रोहतक जिले में मायना गांव के रहने वाले अमित का जन्म जन्म 16 अक्तूबर 1995 में हुआ था। अमित ने 22 साल की उम्र में ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को हराकर साल 2018 में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। उन्होंने उसी साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल भी अपने नाम किया था।
बता दें कि यह विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय टीम का अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इससे पहले भारत ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के एक सीजन में कभी एक से अधिक ब्रॉन्ज मेडल नहीं जीता था। भारत ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में इससे पहले चार ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्णन (2011), शिवा थापा (2015) और गौरव बिधुरी (2017) ने ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था।