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मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के इल्जाम से ‘अब बरी हो चुका है’ बाबर : अरशद मदनी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 7, 2023 22:45 IST

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, "मैं समझता हूं कि मैं कामयाब हुआ। आस्था की बुनियाद पर उन्होंने (उच्चतम न्यायालय ने) दूसरे (पक्ष को मस्जिद) दे दी। जो इल्जाम बाबर के ऊपर लगता था आज वही इल्जाम मौजूदा लोगों पर लग रहा है कि उन्होंने मस्जिद को लेकर उस पर मंदिर बना दिया। बाबर अब इल्जाम से बरी है।"

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ठळक मुद्देमौलाना ने कहा, मैं समझता हूं कि मैं कामयाब हुआ। आस्था की बुनियाद पर उन्होंने (उच्चतम न्यायालय ने) दूसरे (पक्ष को मस्जिद) दे दीकहा- जो इल्जाम बाबर के ऊपर लगता था आज वही इल्जाम मौजूदा लोगों पर लग रहा हैमौलाना मदनी ने उत्तर प्रदेश के कुछ मदरसों को विदेश से पैसे मिलने की जांच पर उठाया सवाल

लखनऊ: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या मामले के अपने निर्णय में यह स्वीकार किया है कि राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद नहीं बनाई गई थी, लिहाजा मुगल बादशाह बाबर “खुद पर लगे इल्जाम से बरी हो चुका है।” 

मौलाना मदनी ने यहां जमीयत की 37 जिला इकाइयों के पदाधिकारियों के सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल के जवाब में कहा, "हम कहते थे कि जो मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई जाएगी, वह मस्जिद इस्लाम में नहीं मानी जाएगी। जो मैं कहता था, उच्चतम न्यायालय ने भी वही कहा कि मस्जिद अपनी जगह है। राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी।" 

उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि मैं कामयाब हुआ। आस्था की बुनियाद पर उन्होंने (उच्चतम न्यायालय ने) दूसरे (पक्ष को मस्जिद) दे दी। जो इल्जाम बाबर के ऊपर लगता था आज वही इल्जाम मौजूदा लोगों पर लग रहा है कि उन्होंने मस्जिद को लेकर उस पर मंदिर बना दिया। बाबर अब इल्जाम से बरी है।" 

उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था। इस आदेश पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और आगामी 22 जनवरी को मंदिर में विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की जा रही है। 

मौलाना मदनी ने उत्तर प्रदेश के कुछ मदरसों को विदेश से पैसे मिलने की जांच से जुड़े एक सवाल पर कहा, "नहीं कोई वित्तपोषण नहीं हो रहा है। साबित करिए कौन विदेश से वित्तपोषण ला रहा है। क्या हिंदुस्तान में वित्तपोषण करने वालों की कमी है?" 

खबर - भाषा एजेंसी

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