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विदेश में तिरंगे का सम्मान, सरावगी परिवार की प्रेरणादायक कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 5, 2025 18:02 IST

सरावगी परिवार ने एकता, सफलता, और समाज सेवा के साथ भारतीय संस्कृति को संजोते हुए वैश्विक पहचान बनाई है।

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ठळक मुद्देतेरा तुझको अर्पण करने की एक अनोखी मिसाल पेश की है।नाम नेतृत्व और सफलता का पर्याय है।

नई दिल्लीः सरावगी परिवार उत्कृष्टता, एकता और समाज में सार्थक योगदान देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस कहानी के केंद्र में दिनेश कुमार सरावगी हैं, जिनका नाम नेतृत्व और सफलता का पर्याय है। उनकी पत्नी श्रीमती सुजाता सरावगी और उनके प्रतिभाशाली पुत्र, शशांक और सोमांश, इस यात्रा में उनसे कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। सरावगी परिवार ने साथ मिलकर शक्ति, धैर्य और समाज को- तेरा तुझको अर्पण करने की एक अनोखी मिसाल पेश की है।

विदेश में तिरंगे का सम्मान

अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के लिए यह एक गौरवपूर्ण और भावनात्मक क्षण था, जब दिनेश कुमार सरावगी और उनकी धर्मपत्नी को अमेरिका के गुरुकुल बोथिल में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सम्मान प्राप्त हुआ। यह कार्यक्रम 10 फरवरी को आयोजित किया गया था, जहाँ उनकी दोनों पोतियाँ पढ़ाई करती हैं।

यह घटना न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए एक अत्यंत गर्व का क्षण था। दिनेश कुमार सरावगी ने इस अनुभव को साझा करते हुए कहा कि, "यह क्षण हमारे लिए बेहद खास था, विदेश में अपने तिरंगे को ऊँचा देखना एक अलग गौरव का एहसास देता है। हम भारतीय कहीं भी रहें, अपने संस्कार, संस्कृति और देश के प्रति प्रेम को हमेशा संजोकर रखते हैं।"

गुरुकुल बोथिल एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जहाँ भारतीय मूल के बच्चों को उनकी संस्कृति और मूल्यों के साथ शिक्षा दी जाती है। इस संस्थान में भारतीय ध्वज फहराने का कार्यक्रम आयोजित करना भारतीय मूल के लोगों के लिए अपनी जड़ों से जुड़े रहने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

परिवार की प्रेरणा और योगदान

सरावगी परिवार केवल व्यावसायिक सफलता तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि उन्होंने समाज सेवा और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सुजाता सरावगी है शक्ति का स्तंभ

सुजाता सरावगी इस परिवार की शक्ति का स्तंभ हैं, जिन्होंने अपने परिवार को भावनात्मक समर्थन देने के साथ सामाजिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गणित में स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने ज्ञान से में बौद्धिक, शारीरिक और नैतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

शशांक सरावगी: टेक्नोलोजी एक्सपर्ट

शशांक सरावगी, जो कि BITS Pilani के पूर्व छात्र हैं, ने अपनी मेहनत और कौशल के दम पर तकनीकी क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वर्तमान में वे INRIX के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंजीनियरिंग हैं और कई सफल प्रोजेक्ट्स कर रहे हैं। उनका ध्यान रोड सेफ्टी और जनरेटिव एआई के क्षेत्र में इनोवेशन लाने पर है।

सोमांश सरावगी: तकनीकी क्षेत्र में उभरता सितारा

सोमांश सरोगी, जो MIT मणिपाल के स्नातक हैं, वर्तमान में Qualcomm में वरिष्ठ नेटवर्क इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। उनकी तकनीकी दक्षता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें अपने क्षेत्र में सम्मानित स्थान दिलाया है।

सरावगी परिवार का यह मानना है कि चाहे व्यक्ति किसी भी देश में रहे, उसे अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। इसी भावना को साकार करने के लिए, वे अपनी अगली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक बना रहे हैं। दिनेश कुमार सरावगी ने इस अवसर पर कहा, "युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति और मूल्यों की समझ होना बेहद जरूरी है क्योंकि हमें दुनिया में एक अलग पहचान यही देती है।"

सरावगी परिवार की यह प्रेरणादायक कहानी केवल एक परिवार की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक विचारधारा को दर्शाती है कि कैसे मूल्यों, समर्पण और मेहनत से सफलता और समाज सेवा को एक साथ जोड़ा जा सकता है। उनकी यह यात्रा पूरे भारतीय समुदाय के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

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