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पिता की मौत के बाद 10 साल की उम्र से शुरू की परिवार की देखभाल, कुछ ऐसा रहा मसाला क्वीन लीना चौहान का सफर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 23, 2018 09:14 IST

Daughter’s Diary: परिवार में किसी अन्य पुरुष सदस्य के न होने और आय के किसी अन्य स्रोत के न होने के कारण लीना चौहान है, ने इस दुकान को चलाने की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले ली.

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दिल्ली, 23 नवंबर: पुरानी दिल्ली के खारी बावली बाजार की अपनी एक अलग पहचान है. यह एशिया की सबसे बड़ी मसाला बाजार के रूप में स्थापित है. यह कहानी है मेवों और मसालों की एक दुकान की जो दिल्ली के खारी बावली में स्थित है । 

हिना ट्रेडर्स के नाम से यह मसाले की दुकान लीना के पिता चलाते थे. 2006 में उनका देहांत हो गया. परिवार में किसी अन्य पुरुष सदस्य के न होने और आय के किसी अन्य स्रोत के न होने के कारण लीना चौहान है, ने इस दुकान को चलाने की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले ली. उनका घर मार्किट में ही है और आस-पड़ोस में अन्य रिश्तेदारों की भी दुकाने हैं, इसलिए उनकी मां यह दुकान नहीं चला सकती थी. 

जब लीना ने यह दुकान संभाली तब वह महज़ 10 वर्ष की थी और पास के ही एक स्कूल में आठवी कक्षा की छात्रा थी. दुकान को संभालने के लिए उसने स्कूल जाना छोड़ दिया और आगे बारहवी कक्षा तक की पढ़ाई प्राइवेट छात्र के रूप में की. लीना बताती हैं कि शुरुआत में दुकान को संभालना काफी मुश्किल काम था. 

एक लड़की को मार्किट में मसाले बेचते देखना लोगों को अजीब लगता था. इसलिए उसने एक लड़के की तरह दिखने की कोशिश करना शुरू की. समस्या सिर्फ मार्किट में काम करने वाले लोगों तक नहीं थी. कई बार दुकान पर आने वाले ग्राहकों से भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. ऐसे ग्राहक बेवजह अटपटे सवाल करते थे. बहरहाल उसने अपनी हिम्मत से अपने पूरे परिवार को संभाला और आज दूसरों के लिए मिसाल है. 

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