मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने पार्टी के अन्य कॉरपोरेटर्स के साथ बुधवार को बृहनमुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। ये धरना-प्रदर्शन शिवसेना कॉरपोरेटर विशाखा राउत, पेडनेकर और बीएमसी प्रशासन से बीच हुई एक बहस के बाद किया गया। इस विवाद में म्यूनिसिपल कमिश्नर इकबाल सिंह चहल भी शामिल रहे।
इनके बीच ये बहस बीएमसी वार्ड कमिटी के चुनाव से ठीक पहले हुई। दरअसल संबंधित अधिकारी चुनाव की शुरुआत के समय मौजूद नहीं थे। इसी विवाद को लेकर बहस की शुरुआत हुई।
बीएमसी वार्ड कमिटी के चुनाव बुधवार दोपहर को हुए। चुनाव को सुबह 10 बजे होना था। ऐसे में मेयर और कॉरपोरेटर्स समय से पहले ही बीएमसी मुख्यालय पहुंच गए थे। हालांकि, असिस्टेंट म्यूनिसिपल कमिश्नर और डिप्टी म्यूनिसिपल सहित कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं थे।
शिवसेना के कॉरपोरेटर्स ने संबंधित अधिकारियों से फोन पर भी संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद जब विशाखा राउत की ओर से म्यूनिसिपल कमिश्नर इकबाल सिंह चहल को फोन किया गया तो यहां से बहस की शुरुआत हुई। फोन पर इस बहस के बाद पेडनेकर ने अन्य सेना कॉरपोरेटर्स के साथ बीएमसी मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया।
पेडनेकर ने कहा, 'हम सीनियर और अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों की गैरहाजिरी में कैसे चुनाव कर सकते हैं? बीएमसी कमिश्नर को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके अधिकारी और प्रशासनिक स्टाफ समय के पाबंद हों और दूसरे के समय की इज्जत करें। लगातार फोन करने के बाद भी G साउथ वार्ड के असिस्टेंट म्यूनिसिपल कमिश्नर शरद उघाडे और यहां तक कि डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही खुद वापस फोन किया।'
पेडनेकर ने आगे कहा, 'उन्हें समझना चाहिए कि अगर कॉरपोरेटर्स बार-बार फोन कर रहे हैं तो जरूर कोई कारण होगा। इसके बाद अब विशाखा राउत ने बीएमसी कमिश्नर चहल को फोन किया तो उन्होंने बदतमीजी से बात की और कहा कि क्या वो कुछ देर इंतजार नहीं कर सकते।'
पेडनेकर ने पूरी घटना की जानकारी मुख्यमंत्री को देने की धमकी देते हुए कहा कि किसी का कोई व्यक्तिगत या कोई अन्य कारण देर से आने का हो सकता है लेकिन कम से कम इस बारे में सूचित किया जाना चाहिए। बाद में चहल ने पूरी घटना के लिए माफी मांगी जिसके बाद विवाद का हल हो सका।