ठाणे:महाराष्ट्र राज्य शासन की ओर से करोड़ों रुपए की नित नई नई परियोजनाओं की घोषणा की जा रही है. लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार का ध्यान राज्य की आंगनवाड़ियों की ओर नहीं है. हालत यह है कि राज्य की 2823 आंगनवाड़ियों में शौचालय तो 5465 आंगनवाड़ियों में पीने के पानी तक की सुविधा नहीं है. उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे अजित पवार द्वारा हाल ही में पेश किया गया राज्य का बजट भी इस ओर इशारा करता है. ऐसी बहुत सारी आंगनवाड़ियों में जो किराए के मकान में चल रही हैं. वहीं, 2823 आंगनवाड़ियों में शौचालय और 5665 आंगनवाड़ियों में पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है.
भवनों पर मालिकानाहक वाली आंगनवाड़ियों को केंद्र सरकार ने शौचालय के लिए 12 हजार रुपए और पीने के पानी के लिए 10 हजार रुपए का अनुदान देने को मंजूरी दी. साथ ही यह भी तय किया गया कि इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 60 प्रतिशत और राज्य का हिस्सा 40 प्रतिशत होगा. केंद्र सरकार ने पहली किस्त के रूप में 5 करोड़ 62 लाख 86 हजार रुपए जारी किए, लेकिन 2 करोड़ 62 लाख 32 हजार रुपए महाराष्ट्र शासन ने जारी नहीं किए. इसी के चलते केंद्र की राशि तब खर्च नहीं हो पाई.
काफी उठापटक के बाद राज्य सरकार ने फरवरी में केंद्र और अपना हिस्सा मिलाकर 9 करोड़ 38 लाख 10 हजार रुपए जारी करने की मंजूरी दी है. आंगनवाड़ियों में शौचालय और पीने के पानी के लिए धन जारी कर दिया है. लेकिन यह संभव नहीं लगता कि गांव, तालुका और जिला स्तर पर यह समय पर पहुंच जाएगा. शिवभोज का भले ही कितना भी ढिंढोरा पीटा जा रहा हो लेकिन आंगनवाड़ियों में पोषण आहार के लिए जारी किया जाने वाला धन छह-छह माह तक नहीं दिया जा रहा.