महाराष्ट्र: कोरोना के बढ़ रहे मामलों पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जताई चिंता, कहा- हों ज्यादा टेस्ट, बढ़ाए जाएं कंटेनमेंट जोन
By हरीश गुप्ता | Published: June 12, 2020 06:59 AM2020-06-12T06:59:38+5:302020-06-12T06:59:55+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र में आईसीयू, वेंटीलेटर और परीक्षण प्रयोगशालाओं की प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के दौरान उन्होंने राज्य में ज्यादा टेस्ट कराने और केंटेनमेंट जोन बढ़ाने पर जोर दिया.
उन्होंने आज मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, पालघर, नागपुर और औरंगाबाद जिलों में इस वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों और प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा की. राज्य के सभी 36 जिले कोविड-19 संक्रमण की चपेट में हैं.
वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने दिए कई निर्देश
वर्चुअल बैठक के दौरान एनसीडीसी के निदेशक डॉ. एस.के. सिंह ने महाराष्ट्र में कोविड-19 की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें उन जिलों के बारे में बताया गया जहां सक्रिय मामलों की संख्या अधिक है. उन्होंने मृत्यु दर, पुष्टि दर, दोहरीकरण का समय और कम परीक्षण दर के बारे में भी बताया.
डॉ. सिंह ने बैठक के दौरान जिलों में उपचार के लिए स्वास्थ्य ढांचे के बारे में भी बताया साथ ही उन जिलों को आगाह करने की सूचना से अवगत कराया जहांं संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है.
बैठक के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, 'कंटेनमेंट जोन की संख्या में वृद्धि किए जाने की तत्काल आवश्यकता है और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में का मानचित्रण प्रभावी रोकथाम रणनीति के लिए जरूरी है. मामलों में वृद्धि दर को प्रति 10 लाख लोगों के परीक्षण के आधार पर देखा जाना चाहिए.'
'आईसीयू, वेंटीलेटर की व्यवस्था सहित स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करें'
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य ढांचों को लेकर डॉ. हर्षवर्धन ने सलाह दी कि आईसीयू, वेंटीलेटर और परीक्षण प्रयोगशालाओं की प्रणाली को मजबूत किया जाना चाहिए. इसके साथ अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटीलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए.
मानव संसाधन प्रबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए और इसके लिए स्वास्थ्य कर्मी गुणवत्ता पूर्ण ऑनलाइन प्रशिक्षिण ले सकते हैं. उन्होंने राज्य के अधिकारियों से कहा कि कोविड-19 का परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं को संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट जल्द भेजना चाहिए ताकि संक्रमितों का जल्द पता लगाने और उसके उपचार प्रबंधन में देरी न हो.
राज्य के मंत्रियों के साथ की चर्चा
डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजेश टोपे, चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख और संक्रमण से ज्यादा प्रभावित जिलों के कलेक्टरों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक भी की. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित रहे.