ओवैसी ने बापू को मानने वालों से की अपील, कहा- देश को मौजूदा गोडसे से बचा लो, कर रहे हैं हिंदुस्तान को खत्म
By रामदीप मिश्रा | Updated: October 3, 2019 09:04 IST2019-10-03T08:48:14+5:302019-10-03T09:04:21+5:30
एआईएमआईएम प्रमुख ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो अक्टूबर को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि गोडसे ने तो गांधी को गोली मारी थी मगर मौजूदा गोडसे गांधी के हिंदुस्तान को खत्म कर रहे हैं।

File Photo
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक विवाद खड़ा कर देने वाला बयान दिया है। उन्होंने पीएम मोदी की बापू का हत्यारा नाथूराम गोडसे ले कर दी।
दरअसल, एआईएमआईएम प्रमुख ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो अक्टूबर को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'गोडसे ने तो गांधी को गोली मारी थी मगर मौजूदा गोडसे गांधी के हिंदुस्तान को खत्म कर रहे हैं। जो गांधी के मानने वाले हैं मैं उनसे कह रहा हूं कि इस वतन-ए-अज़ीज को बचा लो।'
AIMIM's Asaduddin Owaisi at a rally in Auranagabad yesterday: Godse ne toh Gandhi ko goli mari thi magar maujuda Godse Gandhi ke Hindustan ko khatam kar rahe hain. Jo Gandhi ke maan ne wale hain main unse keh raha hun ki iss watan-e-azeez ko bacha lo. #Maharashtrapic.twitter.com/fNAxynom4E
— ANI (@ANI) October 3, 2019
बता दें इससे पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह के ऊपर हमला बोला था। उन्होने सोमवार को कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू कश्मीर के संदर्भ में यह कहना कि पाबंदियां केवल लोगों के दिमाग में है, इत्यादि...इत्यादि सही नहीं है क्योंकि माकपा नेता सीता राम येचुरी और अन्य को वहां जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से गुहार लगानी पड़ी। वहां मोबाइल सेवाएं अब भी बहाल नहीं हुई हैं।
ओवैसी ने कहा था कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी को अपने राज्य जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति लेनी पड़ी इसी प्रकार माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को अपने पार्टी के बीमार विधायक को देखने जाने के लिए भी उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा।
उन्होंने कहा था 'तो वह (शाह) जो भी कुछ भी कह रहे हैं, सच्चाई बयां नहीं कर रहे हैं। शाह ने संसद में यह कह कर गलत किया कि फारूक अब्दुल्ला स्वतंत्र हैं...बाद में उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया। अगर वह सच बोल रहे हैं तो कश्मीर में अघोषित आपालकाल क्यों हैं? क्यों वहां सेब बेचने वाला सेब नहीं बेचना चाह रहा? वहां स्कूल क्यों नहीं खुल रहे हैं?'