Zomato Case: मुंबई डब्बावाला संघ ने ग्राहक की आलोचना की, कहा- ऐसे कामगारों का कोई धर्म नहीं होता
By भाषा | Published: August 2, 2019 06:02 AM2019-08-02T06:02:28+5:302019-08-02T06:02:28+5:30
पांच हजार सदस्यों वाले डब्बावाला संघ के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने कहा कि जोमैटो का प्रतिनिधि अपनी आजीविका कमाने के लिये काम कर रहा था। उन्होंने पूछा, "यह ग्राहक तब क्या करता जब वह बहुत ज्यादा भूखा होता और किसी अन्य धर्म का व्यक्ति उसके लिये भोजन लाता?"
मुंबई डब्बावाला संघ ने "गैर-हिंदू" से डिलीवरी लेने से इनकार करने वाले जबलपुर के जोमैटो ग्राहक की बृहस्पतिवार को आलोचना की। यह संघ मुंबई में मशहूर टिफिन अथवा भोजन का डब्बा पहुंचाने वालों का प्रतिनिधित्व करता है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में ग्राहक अमित शुक्ला ने दो दिन पहले ट्विटर पर दावा किया था कि उसने जोमैटो के भोजन की डिलीवरी लेने से इसलिये इनकार कर दिया क्योंकि उसे डिलीवरी पहुंचाने का काम एक मुसलमान को दिया गया था।
पांच हजार सदस्यों वाले डब्बावाला संघ के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने कहा कि जोमैटो का प्रतिनिधि अपनी आजीविका कमाने के लिये काम कर रहा था। उन्होंने पूछा, "यह ग्राहक तब क्या करता जब वह बहुत ज्यादा भूखा होता और किसी अन्य धर्म का व्यक्ति उसके लिये भोजन लाता?"
उन्होंने एक बयान में कहा, "हम डिलीवरी बॉय अलग धर्म का होने की वजह से ऑर्डर रद्द करने की इस हरकत की निंदा करते हैं। डिलीवरी करने वाला हिंदू-मुस्लिम कोई भी हो सकता है। वह अपनी आजीविका के लिये अपना काम करता है। ऐसे कामगारों का कोई धर्म नहीं होता।"