योगी सरकार का पूर्व आईपीएस अधिकारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंधी दस्तावेज देने से इनकार

By भाषा | Published: June 9, 2021 03:11 PM2021-06-09T15:11:17+5:302021-06-09T15:11:17+5:30

Yogi government refuses to provide documents related to mandatory retirement of former IPS officer | योगी सरकार का पूर्व आईपीएस अधिकारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंधी दस्तावेज देने से इनकार

योगी सरकार का पूर्व आईपीएस अधिकारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंधी दस्तावेज देने से इनकार

लखनऊ, नौ जून उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उन्हें दी गई अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित दस्तावेज देने से मना कर दिया है।

ठाकुर को गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी। अमिताभ ने शासन के इस निर्णय से संबंधित अभिलेख मांगे थे।

ठाकुर की पत्नी एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने बुधवार को बताया कि गृह विभाग के विशेष सचिव कुमार प्रशांत के हस्ताक्षर से निर्गत आदेश के अनुसार अमिताभ को उनकी अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित पत्रावली के नोटशीट, पत्राचार आदि की प्रति नहीं दी जा सकती क्योंकि ये सभी अभिलेख 'अत्यंत गोपनीय' प्रकृति के हैं जो उच्चतम स्तर के अधिकारियों के विचार-विमर्श तथा अनुमोदन से संबंधित हैं।

अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि सरकार द्वारा मनमाने ढंग से उन्हें सेवा से निकाला जाना तथा अब उनकी जीविका से संबंधित सूचना भी नहीं देना अत्यंत दुखद है जो सरकार की गलत मंशा को दिखाता है।

नूतन ने बताया कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इसी सिलसिले में ‘सूचना का अधिकार’ कानून के तहत मांगी गई जानकारी देने से मना कर दिया था।

गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर को गत 23 मार्च को 'जनहित में' अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। इससे संबंधित आदेश में कहा गया था कि अमिताभ अपने बाकी बचे सेवाकाल के दौरान सेवा के लायक नहीं रह गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा, "अमिताभ ठाकुर को जनहित में उनकी सेवा की अवधि पूरी होने से पहले ही तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्ति दी जाती है।"

अमिताभ ठाकुर ने केंद्र सरकार से अपना कैडर बदलकर उत्तर प्रदेश के अलावा किसी अन्य राज्य में करने का निवेदन किया था लेकिन 2017 में उन्होंने यह कहते हुए अपनी अर्जी को निस्तारित करने का आग्रह किया था कि विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) सत्ता से हट गई है, लिहाजा उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया अब नहीं रह गया है।

गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर ने 2015 में तत्कालीन सपा सरकार के कार्यकाल में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर फोन पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी। इसके कुछ दिनों बाद 13 जुलाई, 2015 को अमिताभ को निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ सतर्कता जांच भी शुरू की गई थी।

हालांकि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने अप्रैल 2016 में अमिताभ के निलंबन पर रोक लगा दी थी और 11 अक्टूबर 2015 से पूर्ण वेतन के साथ उनकी सेवा बहाल करने के आदेश दिए थे।

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