जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ 1 अक्टूबर से टाडा कोर्ट में सुनवाई होगी। मलिक पर 15 जनवरी 1990 को श्रीगर में भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों की बेरहमी से हत्या में शामिल होने का आरोप है। इसके अलावा मलिक पर 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद को अगवा करने का भी आरोप है। जानें 1990 का वो पूरा मामला जब श्रीनगर में सरेआम हुई थी एयरफोर्स के चार कर्मियों की निर्मल हत्या।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 25 जनवरी 1990 को एयरफोर्स के कुछ अधिकारियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। मौके पर करीब 40 एयरफोर्स अधिकारी मौजूद थे जिसमें अधिकांश गंभीर रूप से घायल हो गए। एयरफोर्स के दो अधिकारियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अधिकारियों ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। सीबीआई ने इस मामले में यासीन मलिक के खिलाफ टाडा कोर्ट जम्मू में मामला दर्ज किया था।
इस हमले में शहीद होने वाले एयरफोर्स अधिकारियों में स्क्वार्डन लीडर रवि खन्ना भी शामिल थे। उनके शरीर में 26 गोलियां धंसी हुई थी। रवि खन्ना की पत्नी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, '30 साल बाद एयरफोर्स के इन अधिकारियों की हत्या के मामले में कुछ न्याय होता देख रही हूं।....तब वे (स्क्वार्डन लीडर रवि खन्ना) सिर्फ 38 साल के थे......हादसों की तरह जिंदगी गुजार दी। अब जब जिंदगी खत्म होने को आई तो एक रोशनी की किरण दिखाई दे रही है कि मेरे पति का जिसने कत्ल किया है, खून किया है...आज मैं उस इंसाफ को 30 साल के बाद देखने जा रही हूं।'
जेकेएलएफ को हाल में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत प्रतिबंधित किया गया था। इसी साल अप्रैल महीने में यासीन मलिक को जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों के वित्त पोषण संबंधी एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।