पर्यावरण प्रवाह के अभाव के चलते नहाने के लायक नहीं है यमुना का पानी: दिल्ली सरकार
By भाषा | Published: July 26, 2021 06:50 PM2021-07-26T18:50:14+5:302021-07-26T18:50:14+5:30
(गौरव सैनी)
नयी दिल्ली, 26 जुलाई दिल्ली सरकार ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा है कि यमुना नदी का पानी न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह के अभाव के कारण स्नान लायक नहीं है।
सरकार ने यह भी कहा कि दिल्ली में 35 अवजल शोधन संयंत्रों में से 22 दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा निर्धारित अपशिष्ट जल मानकों को पूरा नहीं करते।
दिल्ली भर के औद्योगिक क्षेत्रों में 13 कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट में से केवल छह ही अपशिष्ट जल के लिए डीडीसीसी मानकों का अनुपालन करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, '' दिल्ली में यमुना में स्नान के लिये पानी की गुणवत्ता का वांछित स्तर बीओडी<3 एमजी/l और डीओ>5 एमजी/l होना चाहिये। ''
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार, पर्यावरणीय प्रवाह एक नदी, आर्द्रभूमि या तटीय क्षेत्र के भीतर पारिस्थितिक तंत्र और उनके लाभों को बरकरार रखने के लिये प्रदान किया गया जल है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, रुड़की द्वारा किए गए एक अध्ययन ने सिफारिश की है कि अनुप्रवाह पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने के लिए सुस्त मौसम में हरियाणा के यमुना नगर जिले में हथिनीकुंड बैराज से नदी में 23 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड (क्यूमेक) पानी छोड़ा जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है, ''दिल्ली में यमुना के न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह के अभाव में, स्नान गुणवत्ता मानकों को प्राप्त करना बहुत मुश्किल है।''
दिल्ली में वजीराबाद से ओखला तक यमुना का 22 किलोमीटर लंबे भाग का 80 प्रतिशत जल प्रदूषित है। यह नदी की लंबाई का दो प्रतिशत से भी कम हिस्सा है।
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