World Population Day 2021: 11 जुलाई को क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस, जानें क्या है इसका इतिहास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 11, 2021 07:21 AM2021-07-11T07:21:23+5:302021-07-11T07:22:33+5:30
11 जुलाई 1989 से इस दिन को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई क्योंकि इसी दिन विश्व की जनसंख्या ने पांच अरब का आंकड़ा पार किया।
हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है, ये दिन बढ़ती जनसंख्या को लेकर दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
किस तरह जनसंख्या दिन-प्रतिदिन कैसे बढ़ रही है और अधिक जनसंख्या के कारण कई समस्याएं जैसे योजनाएं, लैंगिक समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य की देखरेख में मुश्किल जैसी समस्याएं पैदा होती है। इसी तरह अगर जनसंख्या बढ़ते रही तो दुनिया में बहुत बड़ा संकट आ सकता है। लोगों को जनसंख्या के प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
कब से हुई थी जनसंख्या दिवस की शुरुआत
इस दिन लोगों को याद दिलाता है कि दुनिया में किस तरीके ले लगातार जनसंख्या बढ़ती जा रही है, जिसे रोकना हमारे लिए बेहद जरूरी है। जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत 1989 से हुई थी। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की आम सभा ने बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इस दिन को मनाने का निर्णय लिया। जिसके बाद से 11 जुलाई को हर साल जनसंख्या मनाया जाने लगा। हर साल विश्व जनसंख्या दिवस पर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से थीम रखी जाती है।
क्या है थीम
इस बार विश्व जनसंख्या दिवस 2021 की नई थीम है-अधिकार और विकल्प उत्तर है, चाहे बेबी बूम हो या बस्ट, प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देना है।
2020 का थीम कोरोना महामारी के समय में दुनिया भर महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिकारों की सुरक्षा पर आधारित है। यूएनएफपीए के एक रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के दौरान अनियोजित गर्भधारण के कारण संख्या बढ़ने की उम्मीद है। स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी गड़बड़ी होती है, तो कम और मध्यम आय वाले देशों में 47 मिलियन महिलाओं को आधुनिक गर्भ निरोधक नहीं मिल पाएंगे।
बता दें वहीं साल 2019 में जनसंख्या दिवस की थीम फैमिली प्लानिंग: इम्पावरिंग पीपल, डिवेलपिंग नेशन्स रखी गई थी। साल 1989 में विश्व की कुल आबादी पांच अरब के करीब थी। एशिया सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, जिसमें चीन और भारत मिलकर दुनिया की आबादी का लगभग 36 प्रतिशत हिस्सा है। इतनी बड़ी आबादी के साथ, इसकी वजह से समस्याएं पैदा होती हैं।