गुवाहाटी/अगरतला, 15 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी का एक नया इतिहास लिखा जा रहा है और उन्होंने घोषणा की कि इस क्षेत्र के राज्यों की राजधानियों को रेल सेवाओं से जोड़ने का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही वह पूर्व, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालयी क्षेत्र, तटीय क्षेत्र या आदिवासी इलाका हो, देश के कई हिस्से भविष्य में भारत के विकास के लिए एक बड़ा आधार बनेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल सेवाओं से जोड़ने का काम बहुत जल्द पूरा होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को बांग्लादेश, म्यांमा और दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ा जा रहा है।
इस बीच, पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि आठ राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम में रेल बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। हालांकि, भूमि अधिग्रहण से लेकर कई बार स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कुछ परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।
एनएफआर का क्षेत्र के आठ राज्यों में जारी 19 परियोजनाओं में से 11 के बड़े हिस्से का काम वर्ष 2022-23 तक पूरा करने का लक्ष्य है। हालांकि, बाकी बचे कार्य में अपरिहार्य लागत के साथ ही देरी हो सकती है। 13 नयी लाइन और पटरियों के दोहरीकरण की छह परियोजनाओं समेत 19 रेलवे परियोजनाओं का क्रियान्वयन करीब 75,579 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है जिसमें 2,008 किलोमीटर की दूरी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि इन परियोजनाओं के अलावा एनएफआर 'इरकॉन' की सहायता से दो अंतरराष्ट्रीय रेलवे परियोजनाओं का निर्माण कर रही है। इनमें जहां भारत के हिस्से वाला काम पूरा हो चुका है वहीं बांग्लादेश के भाग में कोविड संबंधी पाबंदियों के चलते देरी हो रही है जिसके दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
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