Uddhav Thackeray vs Shinde: आप महाराष्ट्र को धोखा देते हैं, 50 खोखे लेने के बाद डुबकी लगाने का क्या फायदा?, उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर साधा निशाना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 28, 2025 15:20 IST2025-02-28T15:18:50+5:302025-02-28T15:20:17+5:30
Uddhav Thackeray vs Shinde: मैं गंगा का सम्मान करता हूं, लेकिन 50 खोखे लेने के बाद इसमें डुबकी लगाने का क्या फायदा है।

Uddhav Thackeray vs Shinde
Uddhav Thackeray vs Shinde: शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि गंगा में डुबकी लगाने से महाराष्ट्र को धोखा देने का पाप नहीं धुलेगा। मराठी भाषा गौरव दिवस के अवसर पर पार्टी के एक कार्यक्रम में ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि नव-हिंदुत्ववादियों को उनकी पार्टी को भगवान राम का महत्व सिखाने की जरूरत नहीं है। ठाकरे ने शिंदे का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘मैं गंगा का सम्मान करता हूं, लेकिन 50 खोखे लेने के बाद इसमें डुबकी लगाने का क्या फायदा है।
यहां, आप महाराष्ट्र को धोखा देते हैं, 50 खोखे लेते हैं और फिर डुबकी लगाते हैं। इससे किसी का पाप नहीं धुलता। (गंगा में) कई बार डुबकी लगाने के बाद भी विश्वासघाती होने का ठप्पा कैसे जाएगा।’’ पार्टी में विभाजन के बाद 2022 में शिवसेना (उबाठा) ने शिंदे और 39 विधायकों पर शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के लिए 50 खोखे (प्रत्येक को 50 करोड़ रुपये) लेने का आरोप लगाया थी।
शिंदे के विद्रोह के कारण ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। शिंदे और शिवसेना विधायक इस सप्ताह की शुरुआत में महाकुंभ के लिए प्रयागराज गए थे। इससे पहले दिन में शिंदे ने महाकुंभ में शामिल नहीं होने के लिए ठाकरे पर कटाक्ष किया था और कहा था कि ठाकरे खुद को हिंदू कहलाने से डरते हैं।
शिंदे ने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना पत्रकारों से कहा, ‘‘जो लोग महाकुंभ में शामिल नहीं हुए, उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने इसमें हिस्सा क्यों नहीं लिया। वे कहते रहते हैं कि वे हिंदू हैं। बालासाहेब ठाकरे ने गर्व से नारा दिया था, ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’, लेकिन अब वे खुद को हिंदू कहलाने से डरते हैं और (बाल ठाकरे को) हिंदूहृदय सम्राट कहते हैं।’’
भाजपा पर हमला करते हुए ठाकरे ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश उन लोगों के हाथों में है जिनका स्वतंत्रता संग्राम से कोई संबंध नहीं है और राज्य उन लोगों के हाथों में है जिनका संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन से कोई संबंध नहीं था।