महिला दिवस: PM मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट को यूज करने वाली स्नेहा मोहनदास कौन है? जानें स्नेहा के बारे में सबकुछ
By अनुराग आनंद | Published: March 8, 2020 11:23 AM2020-03-08T11:23:16+5:302020-03-08T11:23:16+5:30
स्नेहा मोहनदास ने नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है। इसमें उसने कहा है कि आपने फूड फॉर थॉट के बारे में सुना होगा, अब गरीबों के अच्छे भविष्य के लिए एक्शन का समय है।
आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवास के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट्स देश की उन महिलाओं के हाथ में सौंपा है, जिसने देश के लिए कुछ बेहतर किया हो। यही नहीं जो महिला समाज के लिए एक प्रेरणा की तरह हो। इन्हीं मे से एक स्नेहा मोहनदास नाम की महिला भी हैं।
स्नेहा ने नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है। इसमें उसने कहा है कि आपने फूड फॉर थॉट के बारे में सुना होगा, अब गरीबों के अच्छे भविष्य के लिए एक्शन का समय है। इसके साथ ही उसने कहा है कि मैं स्नेहा मोहनदास हूं, मैंने अपनी मां से प्रेरित होकर बेघरों को खाना खिलाने की आदत डाली और मैंने फूडबैंक इंडिया के नाम से यह पहल शुरू की।
You heard of food for thought. Now, it is time for action and a better future for our poor.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020
Hello, I am @snehamohandoss. Inspired by my mother, who instilled the habit of feeding the homeless, I started this initiative called Foodbank India. #SheInspiresUspic.twitter.com/yHBb3ZaI8n
कौन हैं स्नेहा मोहनदास?
स्नेहा मोहनदास चेन्नई की रहने वाली हैं। फूडबैंक इंडिया नाम से वह एक संस्थान चलाती है। इस संस्थान का मुख्य उद्धेश्य बेघर व गरीब लोगों को खाना खिलाना है। स्नेहा ने ट्विटर में अपना एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपनी पहल फूड बैंक इंडिया के बारे में बताया। स्नेहा ने बताया कि साल 2015 में फूडबैंक इंडिया की शुरुआत हुई थी। स्नेहा फूडबैंक इंडिया की फाउंडर हैं। वर्तमान में इस संस्था के साथ सैकड़ों लोग जुड़ चुके हैं. वो कहती हैं, मेरा सपना है कि भारत हंगर फ्री नेशन बने।
इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली। उनकी मां स्नेहा के जन्मदिन और अन्य आयोजनों पर बेघर बच्चों को घर पर बुलाती थीं। वहीं से उन्हें इसकी आदत पड़ी। स्नेहा कहती हैं कि मैं अपनी इस पहल से युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना चाहती हूं। इसी को ध्यान में रखकर मैंने सोशल मीडिया में फूड बैंक चेन्नई से फेसबुक पेज बनाया। इसका असर ये हुआ कि 18 प्लस चैप्टर इंडिया और एक साउथ अफ्रीका में बन गया।
फूड बैंक इंडिया का कॉन्सेप्ट बताते हुए स्नेहा कहती हैं कि मैं इस मुहिम से लोगों को जुड़ने के लिए कहती हूं। इसके लिए वो रोज कुछ एक्स्ट्रा पकाएं और उसमें से एक हिस्सा बेघरों को दें, न कि बचा हुआ बासी खाना। मैं ऐसे लोगों के पास अपने वॉलंटियर भेजती हूं, जहां से हम मैटेरियल जुटाते हैं। इसके अलावा हमने हंगर स्पॉट की पहचान कर रखी है। जहां ये मैटेरियल पहुंचाया जाता है। स्नेहा ने कहा कि इसका मैं सारा क्रेडिट अपने वॉलंटियर को देती हूं। उन्होंने ट्विटर पर अपना सक्सेस मंत्र भी बताया।
इन महिलाओं को भी मिला नारी शक्ति पुरस्कार-
महिला सशक्तिकरण में योगदान के लिए नरेंद्र मोदी सरकार आज महिलाओं को सम्मानित कर रही है। नारी शक्ति पुरस्कार जीतने वाली इन्हीं महिलाओं में शामिल हैं, 104 साल की धाविका मन कौर (Man Kaur) जिन्हें आठ मार्च को नारी शक्ति पुरस्कार 2019 (Nari Shakti Puraskar 2019) से सम्मानित किया जाएगा। महिलाओं के लिये इसे देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान माना जाता है।
इसके अलावा, अंजू रानी जॉय जो विकलांग होने के बावजूद विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली है। उसे भी नारी शक्ति आवार्ड आज दिया गया है। अंजू रानी केरल के कोच्चि की रहने वाली हैं जो अंतराष्ट्रीय स्तर पर जार लिफ्टिंग करती हैं।
उन्होंने नारी शक्ति पुरस्कार पाने के बाद कहा कि मुझे दुख हुआ कि मैं समान्य लोगों से अलग था लेकिन फिर मैंने अपने भविष्य के बारे में सोचा और यह कि फिर चीजें बदलने लगीं। जार उठाना पहला कदम था। मैंने साबित कर दिया है कि कुछ भी असंभव नहीं है। इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं को उद्यमिता विकसित करने में मदद के लिए तेलंगाना की भूदेवी ने आज राष्ट्रपति से 'नारी शक्ति पुरस्कार' प्राप्त किया।