वीडियो: चेहरे पर तिरंगा लगाई हुई महिला को स्वर्ण मंदिर में प्रवेश से रोका गया, एसजीपीसी के महासचिव ने पूरे विवाद पर दी ये सफाई
By आजाद खान | Published: April 17, 2023 10:52 AM2023-04-17T10:52:35+5:302023-04-17T11:36:27+5:30
मामले में एसजीपीसी के महासचिव ने सफाई भी दी है और कहा है कि अगर किसी अधिकारी ने दुर्व्यवहार किया है तो हम क्षमा चाहते हैं।
चंड़ीगढ़: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कथित तौर पर एक महिला को स्वर्ण मंदिर में जाने के लिए रोका गया है। दावा है कि महिला ने अपने चेहरे पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज को लगा रखा था, इसलिए उसे मंदिर में जाने से रोका गया है। वीडियो में महिला के साथ एक पुरुष को मंदिर के अधिकारी के साथ इस मुद्दे पर तर्क करते हुए देखा गया है।
वीडियो के सामने आने के बाद इस मुद्दे पर एसजीपीसी के महासचिव का भी बयान सामने आया है। उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि अगर किसी अधिकारी ने दुर्व्यवहार किया है तो हम क्षमा चाहते हैं..। हालांकि जब से इस वीडियो को अपलोड किया गया है तब से इंटरनेट यूजर्स इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रिया भी दे रहे है।
क्या दिखा है वीडियो में
वायरल हो रहे इस वीडियो में यह देखा गया है कि इस मुद्दे पर एक पुरुष कथित तौर पर स्वर्ण मंदिर के एक अधिकारी से तर्क कर रहा है। वीडियो में पुरुष को अधिकारी से यह पूछते हुए देखा गया है कि आप ने महिला को अंदर जाने क्यों नहीं दिया। इस पर अधिकारी ने कुछ जवाब दिया और फिर दोनों में बहस शुरू हो गई थी।
Golden temple commitee did not allowed a person, just because he had he kept Bharat Tricolour flag symbol in cheeks. Recently SGPC was also found supporting separatist and writing about Anti-Sanatan.pic.twitter.com/ycCj5kyYMt
— Anshul Pandey (@Anshulspiritual) April 17, 2023
वीडियो के अगले हिस्से में यह भी देखा गया है कि महिला अधिकारी की बात सुनकर यह कह रही है कि बकवास बात तो बोल रहे हो आप....यह इंडिया नहीं है...। वीडियो में कथित तौर पर महिला के साथ जो पुरुष है उसके और अधिकारी के बीच यह भी तर्क होते हुए सुना गया है कि यह स्वर्ण मंदिर कहां है...इंडिया में है या नहीं है।
Golden temple commitee did not allowed a person, just because he had he kept Bharat Tricolour flag symbol in cheeks. Recently SGPC was also found supporting separatist and writing about Anti-Sanatan.pic.twitter.com/ycCj5kyYMt
— Anshul Pandey (@Anshulspiritual) April 17, 2023
एसजीपीसी के महासचिव की सफाई
इस पूरे विवाद पर एसजीपीसी के महासचिव गुरुचरण सिंह ग्रेवाल ने एक बयान जारी किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ग्रेवाल ने कहा है कि "यह एक सिख धर्मस्थल है। हर धार्मिक स्थान की अपनी मर्यादा होती है... हम सभी का स्वागत करते हैं... अगर किसी अधिकारी ने दुर्व्यवहार किया है तो हम क्षमा चाहते हैं... उसके चेहरे पर लगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज नहीं था क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था। यह एक राजनीतिक झंडा हो सकता था।"